Himachal News: पिंजौर से हिमाचल के लिए चिट्टा तस्करी करता था शाही महात्मा गिरोह, सामने आया काला सच

अंतरराज्यीय चिट्टा गिरोह का सरगना शाही महात्मा ही हिमाचल में मादक पदार्थ तस्करी करता था। 18 सितंबर 2024 को एएनटीएफ (एफयू) सीआईडी की टीम ने जम्मू-कश्मीर निवासी आरोपी मुदासिर अहमद मोची के कब्जे से बरामद 468.380 ग्राम हेरोइन (चिट्टा) मामले की पुलिस जांच में यह सनसनीखेज सामने आई।

आरोपी मुदासिर अहमद मोची ने खुलासा किया कि शाही महात्मा राज्य के भीतर अंतरराज्यीय मादक पदार्थ तस्करी का धंधा चलाता था। वह इस अवैध व्यापार में शाही महात्मा के लिए ट्रांसपोर्टर करता है। इसके साथ ही आरोपी प्रदीप रांटा दिल्ली और करनाल से चिट्टा लाकर पिंजौर में शाही महात्मा तक पहुंचाते थे। उसने बताया कि उसे शाही महात्मा के निर्देशानुसार कई छुपने के अड्डों पर मादक पदार्थों को छिपाने का काम दिया गया था।

इसके अलावा गिरोह से जुड़े कई ड्रग पैडलर भी छोटे पैमाने पर तस्करों के रूप में काम करते हैं। वह शाही महात्मा के निर्दिष्ट बैंक खाते में पैसे ट्रांसफर करते हैं। इसके बाद शाही महात्मा उन गुप्त स्थानों को पता बताया है जहां मुदासिर अहमद मोची ने नशीले पदार्थ रखे हैं। यह तस्कर फिर इन स्थानों से चिट्टा प्राप्त करते हैं, खुद के उपयोग के लिए और शेष मात्रा को रोहड़ू क्षेत्र में इसी तरह की छोटी-मोटी तस्करी गतिविधियों के माध्यम से आगे बेचते हैं। उधर 20 सितंबर, 2024 को शाही महात्मा को चंडीगढ़ में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) ने गिरफ्तार किया। पूछताछ में शाही महात्मा ने खुलासा किया कि वह विभिन्न तस्करों के माध्यम से रोहड़ू क्षेत्र में तस्करी कर रहा था।

जांच के दौरान पुलिस ने मुदासिर अहमद मोची और शाही महात्मा के कॉल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर) तथा बैंक खाते का विवरण खंगाला तो चौंकाने वाला खुलासा हुआ। इसमें करीब 33 आरोपियों ने शाही महात्मा और एएसपी इंटरनेशनल के खातों में अलग-अलग राशि स्थानांतरित की थी। इसके अलावा अधिकांश आरोपियों ने मुदासिर अहमद के साथ वित्तीय लेनदेन किया है। इसी साक्ष्य के आधार पर पुलिस ने शाही महात्मा से प्रतिबंधित पदार्थ/चिट्टा की खरीद-फरोख्त में कथित रूप में शामिल 56 आरोपियों को वर्तमान मामले के संबंध में गिरफ्तार किया है। इस पूरे प्रकरण के तार पाकिस्तान से भी जुड़ रहे हैं।

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