भोटा चैरिटेबल हॉस्पिटल बंद होने की योजना पर लोगों का विरोध, NH जाम

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मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने रविवार को कहा था कि भोटा चैरिटेबल अस्पताल को राधा स्वामी सत्संग के सिस्टर संगठन को सौंपने के लिए राज्य सरकार एक ऑर्डिनेंस लाएगी। हालांकि, मुख्यमंत्री के इस आश्वासन के बावजूद, अस्पताल के गेट पर बंद होने की सूचना चस्पा कर दी गई, जिससे स्थानीय लोगों में गहरी नाराजगी पैदा हो गई।हमीरपुर जिले के भोटा स्थित यह अस्पताल गरीब और जरूरतमंद लोगों के लिए मुफ्त इलाज की सुविधा प्रदान करता है। अस्पताल को बंद करने के सरकार के फैसले के खिलाफ स्थानीय लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि यह अस्पताल इलाके के गरीब परिवारों के लिए एक महत्वपूर्ण चिकित्सा सुविधा है, और अगर इसे बंद किया गया, तो लाखों लोग इलाज से वंचित हो जाएंगे। लोग सरकार से यह अपील कर रहे हैं कि अस्पताल को बंद करने का फैसला वापस लिया जाए।

इस विरोध प्रदर्शन के दौरान, प्रदर्शनकारियों ने चक्का जाम कर दिया, जिससे नेशनल हाईवे पर यातायात पूरी तरह से रुक गया। बड़सर के एसडीएम राजेंद्र गौतम ने स्थिति का संज्ञान लिया और मौके पर पहुंचकर राष्ट्रीय राजमार्ग को फिर से चालू कराया। इसके बाद, प्रदर्शनकारियों का एक प्रतिनिधिमंडल हमीरपुर के उपायुक्त से मिलने गया और अस्पताल को बंद करने के फैसले का विरोध करते हुए सरकार को ज्ञापन सौंपा।स्थानीय निवासी कुलवीर सिंह ने कहा कि भोटा चैरिटेबल हॉस्पिटल का बंद होना गरीब परिवारों के लिए एक बड़ी समस्या होगी, क्योंकि वे यहां मुफ्त इलाज करवाने आते हैं। उन्होंने सरकार से अपील की कि अगर कानून में कोई बदलाव करना पड़े तो वह करें, लेकिन इस अस्पताल को बंद न किया जाए।

धनीराम शुक्ला ने बताया कि व्यास संस्था 30 नवंबर से इस अस्पताल को बंद करने जा रही है। इससे अस्पताल के 200 कर्मचारी और करोड़ों रुपए की मशीनरी शिफ्ट की जाएगी, जिसके कारण इलाज में भी रुकावट आएगी। जिला परिषद अध्यक्ष बबली देवी ने भी इस फैसले का विरोध किया और सरकार से अपील की कि इस अस्पताल को बंद न किया जाए, ताकि गरीब लोग इलाज की सुविधा पाते रहें।इस पूरे मामले में स्थानीय लोगों का कहना है कि सरकार को इस मामले में तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए और अस्पताल को बंद होने से बचाना चाहिए।

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