बिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र में नया जमीन सर्वे कानून, क्या होंगे इसके प्रभाव?

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बिहार विधानमंडल का शीतकालीन सत्र आज से शुरू हो रहा है, और यह सत्र पांच दिनों तक चलेगा। सत्र की शुरुआत राज्यपाल के अभिभाषण से होगी, जिसमें राज्य की वर्तमान स्थिति और भविष्य की योजनाओं पर चर्चा की जाएगी। इसके बाद, हाल ही में हुए उपचुनावों में जीतने वाले चार नवनिर्वाचित विधायकों को शपथ दिलाई जाएगी। यह पहला मौका होगा जब विधायकों को उनके चुनाव जीतने के अगले ही दिन सदन की सदस्यता ग्रहण करने का अवसर मिलेगा।

 

सत्र के पहले दिन, दोनों सदनों में दूसरा अनुपूरक व्यय विवरणी पेश किया जाएगा। मंगलवार और बुधवार को राजकीय विधेयकों पर चर्चा होगी, जबकि गुरुवार को सप्लीमेंट्री व्यय पर विचार होगा। शुक्रवार को गैर सरकारी संकल्पों पर चर्चा की जाएगी।

 

इस सत्र में एक महत्वपूर्ण मुद्दा राज्य में चल रहे जमीन सर्वे की प्रक्रिया में सुधार को लेकर एक नया कानून पेश किया जा सकता है। राजस्व और भूमि सुधार मंत्री ने इस बारे में संकेत दिए थे कि सरकार जमीन सर्वेक्षण की प्रक्रिया को अधिक सुगम और पारदर्शी बनाने के लिए एक बिल लाने की योजना बना रही है।

 

विपक्षी दलों, खासकर आरजेडी, कांग्रेस और सीपीआई (एम), के लिए यह सत्र हंगामेदार हो सकता है। विपक्ष ने स्कूलों की टाइमिंग, स्मार्ट मीटर और जमीन सर्वेक्षण जैसे मुद्दों को लेकर सरकार को घेरने की तैयारी की है। उनका आरोप है कि स्मार्ट मीटर और जमीन सर्वेक्षण में घोटाला हुआ है, और इन मुद्दों पर सरकार से जवाब मांगा जाएगा। इस तरह, यह सत्र बिहार की राजनीति में अहम मोड़ साबित हो सकता है।

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