करहल से सैफई की तीसरी पीढ़ी का विधानसभा में प्रवेश, चाचा की जगह राजनीति में उतरे युवा

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उत्तर प्रदेश की सियासत में सैफई परिवार का वर्चस्व काफी मजबूत है, और करहल उपचुनाव के परिणामों ने इस परिवार के राजनैतिक इतिहास में एक और मील का पत्थर जोड़ा है। इस चुनाव के जरिए मुलायम सिंह यादव के पौत्र और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के भतीजे तेजप्रताप यादव उर्फ तेजू ने तीसरी पीढ़ी के रूप में उत्तर प्रदेश विधानसभा में कदम रखा। यह जीत सैफई परिवार के लिए एक बड़ी उपलब्धि है, क्योंकि इससे पहले मुलायम सिंह यादव और उनके भाई शिवपाल सिंह यादव विधानसभा में पहुंचे थे, और दूसरी पीढ़ी के रूप में अखिलेश यादव ने सैफई परिवार का प्रतिनिधित्व किया था। अब तेजप्रताप यादव ने करहल सीट से चुनाव जीतकर इस परिवार की तीसरी पीढ़ी का नेतृत्व संभाला है।

 

सैफई परिवार को उत्तर प्रदेश की राजनीति का सबसे बड़ा कुनबा माना जाता है, जिसका प्रभाव सिर्फ राज्य विधानसभा तक सीमित नहीं है, बल्कि यह परिवार संसद में भी गहरी पैठ रखता है। वर्तमान में सैफई परिवार से कुल छह सांसद हैं, जिनमें अखिलेश यादव, डिंपल यादव, धर्मेंद्र यादव, अक्षय यादव, आदित्य यादव और प्रोफेसर रामगोपाल यादव शामिल हैं। 2014 में तेजप्रताप यादव ने मैनपुरी लोकसभा सीट से उपचुनाव जीतकर संसद में भी सैफई परिवार का प्रतिनिधित्व किया था।

 

तेजप्रताप यादव की करहल विधानसभा सीट से जीत सैफई परिवार के सियासी साम्राज्य को और मजबूत करती है। उनकी सियासी यात्रा में उन्हें परिवार का पूरा आशीर्वाद मिला है। 2014 में जब बाबा मुलायम सिंह यादव ने मैनपुरी से इस्तीफा दिया, तो उन्होंने तेजप्रताप को उम्मीदवार बनाया। अब जब अखिलेश यादव ने करहल से इस्तीफा दिया, तो भतीजे तेजप्रताप को ही उनकी गद्दी सौंप दी। तेजप्रताप ने अपने परिवार की विरासत को संभालते हुए सियासत में अपनी जगह बनाई है और आगे बढ़ने का अवसर प्राप्त किया है।

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