कांग्रेस का कड़ा रुख: उपचुनाव में सम्मानजनक समझौते की आवश्यकता

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हाल ही में उत्तर प्रदेश में उपचुनाव को लेकर कांग्रेस और समाजवादी पार्टी (सपा) के बीच चल रही सीटों के बंटवारे को लेकर चर्चाएँ तेज हो गई हैं। कांग्रेस के यूपी अध्यक्ष अजय राय ने पार्टी की स्थिति का आकलन करते हुए अपनी ओर से मजबूत दावेदारी की बात आलाकमान को बताई है। इस दौरान कांग्रेस ने नौ सीटों पर होने वाले उपचुनाव से फिलहाल किनारा कर लिया है।

सपा ने कांग्रेस को गाजियाबाद और खैर की दो सीटें दी हैं, जबकि कांग्रेस ने सीसामऊ, फूलपुर और मझवां पर दावेदारी की है। कांग्रेस का मानना है कि इन सीटों पर उसके जीतने की संभावनाएँ ज्यादा हैं। गाजियाबाद और खैर की सीटें उसके लिए चुनौतीपूर्ण बनी हुई हैं, क्योंकि यहाँ पिछले कई चुनावों में कांग्रेस को सफलता नहीं मिली है। अगर कांग्रेस इन सीटों पर चुनाव लड़ती है, तो उसे कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है।

कांग्रेस ने स्पष्ट किया है कि यदि उसे सम्मानजनक सीटें नहीं मिलीं, तो वह चुनाव से दूर रहने का निर्णय ले सकती है। यह भी देखा गया है कि अखिलेश यादव ने पहले ही इन सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं, जिससे पीछे हटना उनके लिए मुश्किल हो रहा है। दोनों दलों के बीच इस मुद्दे पर ठहराव आ गया है, जिससे स्थिति जटिल हो गई है।

कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि सपा को सीटों की संख्या बढ़ाने पर विचार करना चाहिए, ताकि गठबंधन को मजबूत किया जा सके। इस समय सपा और कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व के बीच इस मामले में अंतिम निर्णय की प्रतीक्षा है। अगर यह बातचीत सफल नहीं होती है, तो कांग्रेस की उपचुनाव में भागीदारी पर प्रश्नचिन्ह लग सकता है।

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