विनेश फोगट के मामले पर कोच का बड़ा बयान, भारतीय फेडरेशन की एक चूक ने मामला उल्टा कर दिया।

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नई दिल्ली: भारतीय पहलवान विनेश फोगाट ने पेरिस ओलंपिक में जबरदस्त शुरुआत की। उन्होंने ओलंपिक और वर्ल्ड चैंपियन को हराया। इसके बाद लगातार दो मैच जीतकर फाइनल में जगह बनाई। इसके बाद विनेश का सिल्वर मेडल पक्का हो गया था। लेकिन 50 किग्रा इवेंट में खेलने वाली विनेश का वजन दूसरे दिन 100 ग्राम ज्यादा निकल गया। इसकी वजह से उन्हें डिसक्वालीफाई कर दिया गया। इससे उनके मेडल जीतने का सपना टूट गया।

नए नियम की वजह से चूका मेडल

नए नियमों के मुताबिक, पहलवानों को दोनों दिन वजन सीमा पूरी करनी होती है। विनेश ने पहले दिन वजन कर लिया था और वह खेलने के लिए योग्य थीं। खबरों के अनुसार, मंगलवार रात को विनेश का वजन एक किलोग्राम था। उन्होंने पूरी रात मेहनत करके 900 ग्राम वजन कम किया, लेकिन बाकी के 100 ग्राम वजन कम नहीं हो पाया। विनेश ने वजन कम करने के लिए पूरी रात ना तो खाना खाया और ना ही सोईं।

कोच कृपा शंकर ने लगाया बड़ा आरोप?

इस घटना के बाद पूर्व राष्ट्रमंडल खेलों के कांस्य पदक विजेता और कुश्ती कोच कृपा शंकर ने कहा कि रातोंरात वजन कम करना आसान नहीं होता। उन्होंने आगे कहा कि विनेश को पहले कभी किसी प्रतियोगिता में दो बार वजन करने का अनुभव नहीं हुआ था। कृपा शंकर ने भारतीय कुश्ती महासंघ को इस मामले में जिम्मेदार ठहराया है। उनका कहना है कि राष्ट्रीय आयोजनों में दो बार वजन करने का नियम लागू नहीं किया गया। शंकर ने एनडीटीवी से कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि विनेश को कभी दो बार वजन करने का अनुभव हुआ होगा। राष्ट्रीय टूर्नामेंट में भी पहलवानों का दो बार वजन करने का कोई नियम नहीं है। मैंने एक बार भारतीय कुश्ती संस्था से कहा था कि आधे-अधूरे नियम लागू न करें, लेकिन उन्होंने मुझे छह साल के लिए निलंबित कर दिया।’

कृपा शंकर के अनुसार कुश्ती महासंघ पैसे बचाने के लिए एक दिन का ही टूर्नामेंट आयोजित करवाती है। उन्होंने आगे कहा, ‘मुझे लगता है कि कुश्ती संस्था एक दिवसीय टूर्नामेंट आयोजित करके अतिरिक्त खर्च से बचना चाहती है। ऐसा करके आप पहलवानों को कुश्ती के लिए सही माहौल नहीं दे रहे हैं। कुश्ती में वजन देना बहुत महत्वपूर्ण है। यह कई लोगों के लिए एक छोटी सी बात हो सकती है, लेकिन इसकी वजह से हमें बहुत बड़ा नुकसान उठाना पड़ा है।’

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