MahaKumbh: वास्तुविद, डॉक्टर और आईटी डेवलपर ने गुरु दीक्षा लेकर अपनाया सनातन धर्म, जीवन को मिली नई दिशा

MahaKumbh: वास्तुविद, डॉक्टर और आईटी डेवलपर ने गुरु दीक्षा लेकर अपनाया सनातन धर्म, जीवन को मिली नई दिशा

महाकुंभ में आने वाला हर व्यक्ति सनातन के रंग में रंगा नजर आ रहा है। शक्तिधाम के शिविर में बुधवार को 61 विदेशी श्रद्धालुओं ने गुरु दीक्षा लेकर सनातन धर्म को मन से अपनाया। शांति की कामना से वास्तुविद, डॉक्टर, आईटी डेवलपर के अलावा कई प्रोफेशनल्स ने गुरु मंत्र लिया।

बुधवार को सेक्टर 17 में स्थित शक्तिधाम आश्रम में वैदिक मंत्रोच्चार के बीच विधि-विधान से 61 विदेशी श्रद्धालुओं ने जगद्गुरु साईं मां लक्ष्मी देवी से दीक्षा ली और सनातन को अंगीकार किया।

विदेशी श्रद्धालु ऊं नमः शिवाय की धुन पर नाचते-गाते दिखे। सांई मां लक्ष्मी देवी ने कहा कि हजारों साल पुराना सनातन धर्म अपने हाथ में अद्भुत है। नशे और तनाव में डूबे हुए आज के युवाओं को सही राह सनातन ही दिखा सकता है।

गुरु दीक्षा लेने वाली बेल्जियम में अस्थि रोग चिकित्सा के क्षेत्र में काम करने वाली कैथरीन गिल्डेमिन कहती हैं कि रोजमर्रा के जीवन की भाग-दौड़ ने उनके जीवन में काफी तनाव बढ़ा दिया था।

आयरलैंड के डेविड हैरिंगटन का कहना है सनातन की सरलता उन्हें सात समुंदर पार भारत की तरफ खींच लाई। सनातन एक ऐसी अकेली जीवन पद्धति है, जो आप पर कुछ थोपती नहीं है।

फ्रांस में सॉफ्टवेयर इंजीनियर ओलिवियर गिउलिरी कहती हैं कि जीवन में सब कुछ होने के बाद भी एक अधूरापन था, मैं अपने आप को तलाश रही था और वह तलाश सनातन में आकर समाप्त हुई। मैं गुरु दीक्षा लेकर अभिभूत हूं।

दीक्षा लेनेवालों में संयुक्त राज्य अमेरिका में वास्तुकार मैथ्यू लॉरेंस, कनाडा में चिकित्सक आंद्रे अनात, संयुक्त राज्य अमेरिका में ऊर्जा के क्षेत्र में काम करने वाले जेनी मिलर, कनाडा में आईटी डेवलपर मैथ्यू सावोई ,बेल्जियम में स्वास्थ्य एवं सुरक्षा सलाहकार क्रिस्टेल डी कैट भी शामिल रहे। सांई मां लक्ष्मी देवी के सानिध्य में अभी तक शक्ति धाम के शिविर में 200 से अधिक विदेशियों ने सनातन की दीक्षा प्राप्त की है।
व्यक्तिगत जीवन भी ठीक नहीं चल रहा था, इसी दौरान वह जगद्गुरु सांई मां के सानिध्य में आईं, जिसके चलते वह सनातन से रूबरू हुई और उनके जीवन को एक नई दिशा मिली।

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