किसानों की समस्याओं को हल करने के लिए अपनी तकनीकी विशेषज्ञता का उपयोग करें, उपराष्ट्रपति का आईआईटियनों से आग्रह

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने आईआईटी कानपुर में आयोजित एक कार्यक्रम में युवा छात्रों को प्रेरित करते हुए कहा कि वे कृषि क्षेत्र की समस्याओं को तकनीक के जरिए हल करने का काम करें, ताकि किसानों के कल्याण में योगदान दिया जा सके। उन्होंने कहा कि देश के अधिकांश लोग (लगभग 70 फीसदी) अभी भी गांवों में रहते हैं, और वहां तकनीक का प्रभाव बढ़ रहा है। वह चाहते हैं कि आईआईटी में पढ़ने वाले छात्र इस दिशा में काम करें, क्योंकि कई किसान अभी तक तकनीकी समाधानों से दूर हैं।
धनखड़ ने छात्रों से अपील की कि वे अपनी शिक्षा का उपयोग देश के विकास में करें और असफलता से घबराएं नहीं। उन्होंने कहा, “असफलता आपको सफलता की दिशा में प्रेरित करती है, और यदि आप असफल होते हैं तो इससे डरने की जरूरत नहीं है।” उपराष्ट्रपति ने छात्रों को अपने योगदान की भावना को सर्वोच्च मानते हुए अपने कर्तव्यों को निभाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने यह भी कहा कि भारत का स्टार्टअप इकोसिस्टम दुनिया में छठे स्थान पर है, लेकिन इसे सर्वोच्च स्तर तक पहुंचाने की जरूरत है।
कार्यक्रम में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना, कैबिनेट मंत्री राकेश सचान, और निदेशक प्रो. मणींद्र अग्रवाल भी उपस्थित थे। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने भारत के नवाचार इतिहास को याद करते हुए कहा कि तकनीक ने जीवन शैली को बेहतर बनाया है, और आईआईटी के छात्रों से यह उम्मीद जताई कि वे 2047 से पहले “विकसित भारत” के सपने को साकार करेंगे। इस अवसर पर उपराष्ट्रपति ने अपनी मां केशरी देवी के नाम पर एक पौधा भी लगाया, जो एक प्रतीकात्मक कदम था।
कार्यक्रम के दौरान उपराष्ट्रपति ने आईआईटी के पेटेंट, यूनिकॉर्न्स और छात्रों की उपलब्धियों की सराहना की, और कहा कि इनसे निकलकर कई छात्र बड़े पदों तक पहुंचे हैं, जो भारत की वैश्विक छवि को सशक्त बना रहे हैं।