अधिवक्ता संशोधन बिल 2025 के खिलाफ लखनऊ में वकीलों का प्रदर्शन

 

प्रस्तावित अधिवक्ता संशोधन बिल 2025 का मूल क्या है? – जनचौक

 

 

शुक्रवार को वकीलों ने केंद्र सरकार के प्रस्तावित अधिवक्ता संशोधन बिल 2025 के खिलाफ जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। सेन्ट्रल बार एसोसिएशन के आह्वान पर सैकड़ों अधिवक्ता एकजुट होकर विरोध में सड़क पर उतरे। वकीलों ने पैदल मार्च निकालते हुए हजरतगंज चौराहे की ओर रुख किया, लेकिन पुलिस ने उन्हें गांधी प्रतिमा के पास रोक दिया।

 

वकीलों ने गांधी प्रतिमा पर प्रदर्शन कर अपनी नाराजगी जाहिर की और जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा। अधिवक्ताओं का कहना है कि यह बिल उनके संवैधानिक और मौलिक अधिकारों के खिलाफ है। उनका मानना है कि यह प्रस्तावित संशोधन भविष्य में अधिवक्ताओं की एकता और अखंडता को कमजोर कर सकता है।

 

सेन्ट्रल बार एसोसिएशन लखनऊ के अध्यक्ष अरविंद कुमार कुशवाहा ने कहा कि यह बिल अधिवक्ताओं के हितों के विपरीत है और इसे तुरंत वापस लिया जाना चाहिए। विरोध प्रदर्शन के दौरान संगठन के महामंत्री अमरेश पाल सिंह, प्रदीप सिंह, आशुतोष सिंह और अनुराग मिश्रा सहित कई वरिष्ठ अधिवक्ता उपस्थित रहे।

 

विरोध स्वरूप वकीलों ने काली पट्टी बांधकर न्यायिक कार्य से दूरी बनाई और गांधी प्रतिमा के समक्ष एकजुट होकर सरकार के फैसले के खिलाफ आवाज उठाई। अधिवक्ताओं ने यह स्पष्ट किया कि यदि यह बिल वापस नहीं लिया गया तो आंदोलन और तेज किया जाएगा।

 

 

 

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