संभल बावड़ी में प्राचीन लाल पत्थर और अद्भुत कारीगरी

संभल के मोहल्ला लक्ष्मण गंज में एक पुराने रहस्य से पर्दा उठ रहा है, जहां एक खोदाई अभियान के बाद बावड़ी की संरचना सामने आई है। यह बावड़ी, जो करीब 150 साल पुरानी बताई जा रही है, एक खाली प्लाट में मिली है, और इसके भीतर कई ऐतिहासिक पहलू छिपे हुए हैं। यह खोदाई 17 दिसंबर को शुरू हुई थी, जब सनातन सेवक संघ के कार्यकर्ताओं ने जिला अधिकारी को एक प्रार्थना पत्र सौंपकर दावा किया था कि इस प्लाट में बावड़ी मौजूद है। इसके बाद डीएम के आदेश पर खुदाई का काम प्रारंभ किया गया।
पाँचवें दिन की खोदाई के बाद, बावड़ी की ऊपरी मंजिल का फर्श पूरी तरह से स्पष्ट हो गया, जो लाल पत्थर से बना है। इसके अलावा, बावड़ी में छह गेट भी नजर आए, जिनमें से पांच साधारण और एक गेट नक्काशीदार है। इसके पीछे एक कमरे नुमा गलियारा दिखाई दे रहा है, जो इस संरचना की वास्तुकला को और भी दिलचस्प बनाता है। एएसआई की टीम ने बुधवार को मौके पर पहुंचकर सर्वे किया और बताया कि फर्श से लिंटर की ऊंचाई लगभग साढ़े दस फीट है।
खोदाई में यह भी पता चला कि ऊपरी मंजिल के नीचे एक और मंजिल है, और उसके नीचे एक कुआं स्थित है, जिसके चारों ओर सीढ़ियाँ बनी हुई हैं। यह बावड़ी नगर पालिका परिषद के पचास लोगों की टीम द्वारा खोदी जा रही है, जिसमें जल निगम के कर्मचारी भी शामिल हैं। इसके अलावा, जेसीबी और ट्रैक्टर-ट्रॉलियों का भी इस्तेमाल किया जा रहा है।
इस ऐतिहासिक स्थल की खोज ने स्थानीय लोगों के बीच उत्साह का माहौल बना दिया है, और अब इस बावड़ी के इतिहास को उजागर करने के लिए प्रयास जारी हैं।