सरकार और आंदोलनकारियों के बीच समझौता, अदालत की मांगें रह गईं अधूरी

मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग (MPPSC) मुख्यालय के सामने छात्रों द्वारा चल रहा प्रदर्शन रविवार सुबह समाप्त हो गया। लगभग 89 घंटे तक चले इस आंदोलन में प्रदेशभर के 2,000 से अधिक छात्र शामिल हुए। कलेक्टर आशीष सिंह के आश्वासन के बाद प्रदर्शनकारियों ने आंदोलन वापस ले लिया। इसके साथ ही, छात्रों का एक प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री मोहन यादव से मिलने के लिए भोपाल रवाना हो गया।
छात्र अपनी विभिन्न मांगों को लेकर आंदोलनरत थे, जिनमें से कुछ प्रशासन द्वारा स्वीकार कर ली गईं। प्रदर्शन के दौरान दो अभ्यर्थी, अरविंद सिंह भदौरिया और राधे जाट, आमरण अनशन पर बैठे थे। गुरुवार रात से अनशन कर रहे अरविंद की हालत शनिवार को बिगड़ने के कारण उन्हें चिकित्सा सहायता दी गई। आंदोलन स्थल पर प्रशासन और भारी पुलिस बल की मौजूदगी के बावजूद छात्र ठंड में अपनी मांगों को लेकर डटे रहे।
आधी रात को कलेक्टर आशीष सिंह और प्रशासन के अन्य अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों से ढाई घंटे चर्चा की। प्रशासन ने उनकी मांगों पर समाधान का आश्वासन दिया, जिसके बाद सुबह 5 बजे आंदोलन समाप्त हुआ। छात्रों को आश्वासन दिया गया कि उनकी मांगों पर मुख्यमंत्री लिखित सहमति देंगे।
आयोग ने कुछ मांगों पर सहमति जताई, जबकि कोर्ट में विचाराधीन मामलों पर निर्णय को स्थगित रखा। एमपीपीएससी के ओएसडी डॉ. रवींद्र पंचभाई ने कहा कि जो विषय उनके अधिकार क्षेत्र में हैं, उन पर विचार किया जा रहा है। शासन से संबंधित मुद्दों को वहां फॉरवर्ड कर दिया गया है, और कोर्ट में लंबित मामलों पर आयोग कोई टिप्पणी नहीं कर सकता। इस घटनाक्रम से छात्रों ने अपनी एकजुटता और संघर्ष क्षमता का प्रदर्शन किया।