तीन राज्यों में CBI का एक्शन: झारखंड, बिहार और बंगाल के 17 ठिकानों पर छापे, 30 लाख की नकदी बरामद

सीबीआई की इस छापेमारी का दायरा काफी विस्तृत है, जिसमें झारखंड, बिहार और पश्चिम बंगाल के 17 ठिकानों पर एक साथ छापे मारे गए। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो ने यह कार्रवाई अवैध खनन घोटाले की जांच के तहत की है, जिसमें झारखंड के साहिबगंज, पाकुड़, राजमहल जिलों के साथ-साथ पश्चिम बंगाल के कोलकाता और बिहार के पटना में भी छापे मारे गए हैं। इन छापों में जिनके ठिकानों को निशाना बनाया गया है, वे सभी पंकज मिश्रा के करीबी माने जा रहे हैं। मिश्रा का नाम झारखंड में अवैध खनन गतिविधियों में पहले से ही विवादों में रहा है और वह एक प्रभावशाली राजनेता के सहयोगी माने जाते हैं।
सीबीआई की टीमों ने अलग-अलग ठिकानों से लगभग 30 लाख रुपये नकद बरामद किए हैं। इस छापेमारी में कई महत्त्वपूर्ण दस्तावेज और डिजिटल सबूत भी जब्त किए गए हैं, जिनसे घोटाले में वित्तीय लेन-देन और अन्य कानूनी उल्लंघनों की पुष्टि की जा सकेगी। शुरुआती जांच में यह भी संभावना जताई जा रही है कि इन पैसों का इस्तेमाल चुनावी अभियानों के लिए भी किया जा सकता है, जो कि एक गंभीर मुद्दा है और इसके राजनीतिक निहितार्थ भी हैं।
इस बड़े पैमाने की छापेमारी ने झारखंड में राजनीतिक और प्रशासनिक हलकों में खलबली मचा दी है। झारखंड में विधानसभा चुनाव चल रहे हैं, ऐसे में केंद्रीय एजेंसी की यह कार्रवाई राज्य में एक अहम मोड़ ला सकती है। इस छापेमारी को लेकर स्थानीय और राष्ट्रीय स्तर पर अलग-अलग प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। जहां एक ओर विपक्षी पार्टियां इस कार्रवाई को राजनीतिक प्रतिशोध के रूप में देख रही हैं, वहीं दूसरी ओर सरकार इसे अवैध खनन और भ्रष्टाचार के खिलाफ कठोर कदम के रूप में प्रस्तुत कर रही है।
अभी तक विस्तृत जानकारी की प्रतीक्षा है, लेकिन सूत्रों का मानना है कि यह छापेमारी आगे की जांच के लिए महत्त्वपूर्ण सबूत जुटाने का एक हिस्सा है। सीबीआई ने जिन लोगों के ठिकानों पर छापेमारी की है, उन पर अवैध खनन से जुड़े कई मामलों में शामिल होने के गंभीर आरोप हैं। इस रेड से अवैध खनन के नेटवर्क, राजनीतिक संपर्कों, और इस घोटाले में शामिल पैसों के प्रवाह का पता लगाने में मदद मिलेगी।