संभल की शाही जामा मस्जिद को सफेदी की जरूरत नहीं: एएसआई रिपोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट के निर्देश पर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने अपनी निरीक्षण रिपोर्ट प्रस्तुत की, जिसमें कहा गया कि संभल की शाही जामा मस्जिद की वर्तमान स्थिति अच्छी है और इसे रमजान से पहले सफेदी की जरूरत नहीं है। रिपोर्ट के अनुसार, मस्जिद पहले से ही इनेमल पेंट से ढकी हुई है और संरक्षित स्मारक के रूप में अच्छी स्थिति में है।
हालांकि, मस्जिद प्रबंधन समिति ने इस रिपोर्ट को गलत बताया और सफेदी को आवश्यक बताया। इस पर न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल की पीठ ने समिति को ASI की रिपोर्ट पर अपनी प्रतिक्रिया या आपत्ति दर्ज कराने के लिए मंगलवार तक का समय दिया है।
मस्जिद परिसर की सफाई का आदेश
हाईकोर्ट ने मस्जिद परिसर के अंदर और आसपास सफाई करने का आदेश दिया है, जिसमें धूल और वनस्पति को हटाने का निर्देश दिया गया है।
गौरतलब है कि मस्जिद प्रबंधन समिति ने रमजान से पहले सफेदी और मरम्मत कार्य कराने की अनुमति मांगी थी। लेकिन ASI ने इसे गैर-जरूरी बताते हुए सफेदी पर आपत्ति जताई। वहीं, एडवोकेट हर शंकर जैन (प्रतिवादी पक्ष) ने कहा कि सफेदी की आड़ में मस्जिद में कथित हिंदू कलाकृतियों को विरूपित किया जा सकता है।
प्रबंधन समिति का दावा और अधिकारियों की आपत्ति
मस्जिद समिति ने कहा कि उसने पहले भी रमजान और अन्य धार्मिक अवसरों पर सफाई, सफेदी और रोशनी की व्यवस्था की है। लेकिन इस बार अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ASP) उत्तर संभल ने मस्जिद के संरक्षित स्मारक होने के कारण ASI से पूर्व अनुमति लेने की बात कही। इसी आपत्ति को चुनौती देते हुए समिति ने हाईकोर्ट का रुख किया था।
अब अदालत ने मस्जिद समिति को ASI रिपोर्ट पर आपत्ति दर्ज करने का अवसर दिया है, जबकि सफाई कार्य करने के निर्देश भी जारी कर दिए हैं। मामले की अगली सुनवाई के बाद आगे का निर्णय लिया जाएगा।