Sirsa: नशे की जड़ें गहरी, ‘नौजवानी’ को कर रही बर्बाद… गांव-गांव में उभर रहे हैं तस्कर

Sirsa: नशे की जड़ें गहरी, ‘नौजवानी’ को कर रही बर्बाद… गांव-गांव में उभर रहे हैं तस्कर

नशे की जड़ें गहरी, ‘नौजवानी’ को कर रही बर्बाद

सिरसा में नशा युवा पीढ़ी को बर्बाद कर रहा है। हरियाणा विधानसभा में दी गई जानकारी के अनुसार, जिले में नशे की ओवरडोज के कारण साल 2022 में 18 लोगों की जान गई। इस दौरान 20 मेडिकल दुकानों को सील किया गया और 14 के लाइसेंस रद्द कर दिए गए। 12 नशा तस्करों की अवैध संपत्तियों को ध्वस्त किया गया और लगभग 3 करोड़ रुपए की संपत्ति को अटैच किया गया।

जिला पुलिस ने नशामुक्ति अभियान के तहत 12 गांवों को गोद लिया है, जबकि जिले में 3 सरकारी और 13 निजी नशामुक्ति केंद्र कार्यरत हैं। पंजाब और राजस्थान से सटे सिरसा जिले में नशे का जाल इतना गहरा हो चुका है कि हर महीने औसतन 10 मौतें हो रही हैं। सिरसा के 300 से अधिक गांवों के हजारों युवा इस लत का शिकार हो चुके हैं।

दूध-दही की संस्कृति वाले इस इलाके में अब भूक्की, अफीम, स्मैक, चिट्टा, चरस, आयोडैक्स से लेकर नशीले इंजेक्शन और दवाएं युवाओं को अपनी गिरफ्त में ले रही हैं। हाल में आई एक रिपोर्ट के अनुसार, हरियाणा में साढ़े 4 लाख से अधिक लोग नशे की चपेट में हैं, और सिरसा की स्थिति सबसे चिंताजनक है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, पिछले दस वर्षों में पंजाब और हरियाणा में नशे की ओवरडोज से 1578 लोगों की मौत हो चुकी है।

यह ध्यान देने योग्य है कि ये केवल सरकारी आंकड़े हैं; नशे से होने वाली मौतों के 80 प्रतिशत से अधिक मामले पुलिस के पास नहीं पहुंचते हैं, जिससे वास्तविक आंकड़ा और भी भयावह हो सकता है। पंजाब के साथ सटे सिरसा और फतेहाबाद जिले नशे से सबसे अधिक प्रभावित हैं।

गांव-गांव में नशा तस्करों की बढ़ती संख्या

नशे का यह गोरखधंधा इतना फैल चुका है कि अब गांव-गांव में तस्कर उभरने लगे हैं, और लड़कियां भी इस काले कारोबार में शामिल हो रही हैं। आरकेस्ट्रा में काम करने वाली युवतियां भी रातभर डांस करने के लिए नशे का सहारा लेने लगी हैं। हरियाणा के सिरसा, फतेहाबाद, गुरुग्राम और कैथल में स्थिति बेहद चिंताजनक हो चुकी है।

अगर हम आंकड़ों की बात करें, तो साल 2020 में हरियाणा पुलिस ने मादक पदार्थ अधिनियम के तहत 2,982 मामले दर्ज किए और 4,477 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया। इस दौरान आरोपियों के पास से 221.672 किलोग्राम अफीम, 230.764 किलोग्राम चरस, 12,725.672 किलोग्राम चूरापोस्त, 8,641.6 किलोग्राम गांजा, 35.9935 किलोग्राम हेरोइन, 1.10 ग्राम कोकीन, 1,297,485 गोलियां और 206,970 कैप्सूल बरामद किए गए।

वहीं, 2021 में हरियाणा पुलिस ने एन.डी.पी.एस. अधिनियम के तहत 2,745 मामले दर्ज किए और 3,975 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया। इस दौरान 345.496 किलोग्राम अफीम, 157.259 किलोग्राम चरस, 8,550.077 किलोग्राम चूरापोस्त, 11,368.07 किलोग्राम गांजा, 29.13586 किलोग्राम हेरोइन, 1,304,530 गोलियां और 45,280 कैप्सूल बरामद किए।

खास बात यह है कि अब नौजवान चिट्टा, याऊं-याऊं, चार्ली-चार्ली और टायर पंक्चर के लिए इस्तेमाल होने वाले सॉल्यूशन का भी नशा करने लगे हैं। हाल ही में 10 से 12 साल के कुछ बच्चों को उनके परिजनों ने इलाज के लिए भर्ती करवाया, जो वाहनों के टायरों के पंक्चर लगाने में उपयोग होने वाले सॉल्यूशन का नशा कर रहे थे। इन बच्चों की हालत इतनी खराब हो गई थी कि जवानी आने से पहले ही उनके शरीर बुढ़ाने लगे थे। दरअसल, पंजाब के साथ सटे सिरसा जिले में युवा चूरापोस्त, अफीम, स्मैक, हेरोइन, नशीली दवाइयों और इंजेक्शनों के साथ-साथ अब आयोडैक्स, सॉल्यूशन, चरस और हशीश जैसे नशों में भी लिप्त हो रहे हैं।

सिरसा में कोई बड़ा सरकारी नशा मुक्ति केंद्र मौजूद नहीं

यहां के सिविल अस्पताल में एक नशा मुक्ति केंद्र है, जबकि पंजाब की सीमा से सटी कालांवाली मंडी में भी एक केंद्र है। हालांकि, कालांवाली के केंद्र में विशेषज्ञ चिकित्सक नहीं हैं, और सिविल अस्पताल के केंद्र में भी स्टाफ की कमी बनी हुई है। इस स्थिति के कारण, अभिभावकों को अपने बच्चों को नशे से छुड़ाने के लिए जयपुर, गंगानगर, दिल्ली, रोहतक जैसे शहरों की ओर जाना पड़ता है।

यहां पर चिकित्सकों और संसाधनों की कमी है

कालांवाली के नशा मुक्ति केंद्र में केवल 15 बिस्तरों की सुविधा है, जिसमें एक परियोजना अधिकारी, एक काउंसलर, एक योगा थेरेपिस्ट, एक स्टाफ नर्स, दो वार्ड ब्वॉय, एक टियर एजुकेटर, एक कुक, एक सफाईकर्मी, एक चौकीदार और एक अटेंडेंट मिलकर काम कर रहे हैं। नशा छोड़ने के लिए हजारों लोग कतार में हैं, लेकिन इस क्षेत्र में उच्चस्तरीय सरकारी नशा मुक्ति केंद्र की अनुपस्थिति इस सकारात्मक पहल के लिए एक बड़ी बाधा बन गई है। सिरसा में स्वास्थ्य विभाग के तहत कुल 10 नशा मुक्ति केंद्र संचालित हैं, जिनमें 3 सरकारी और 7 प्राइवेट केंद्र शामिल हैं। सिरसा के नागरिक अस्पताल में 10 बिस्तरों का, कालांवाली में ओढ़ां रोड पर 15 बिस्तरों का और डबवाली में 10 बिस्तरों का सरकारी नशा मुक्ति केंद्र है।

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