उपेंद्र कुशवाहा की चुनावी रणनीति: 2025 में NDA की सरकार का भरोसा

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राष्ट्रीय लोक मोर्चा (आरएलएम) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद उपेंद्र कुशवाहा ने हाल ही में अपनी बिहार यात्रा के दौरान रोहतास में एक महत्वपूर्ण बयान दिया। इस दौरान उन्होंने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) पर तीखा हमला करते हुए कहा कि हाल के लोकसभा चुनावों में राजद के पक्ष में आए परिणाम केवल एनडीए (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) की आंतरिक कमजोरी का परिणाम हैं। कुशवाहा ने स्पष्ट किया कि ये नतीजे जनता के पूर्ण समर्थन का परिचायक नहीं हैं, बल्कि एनडीए में मौजूद मतभेदों और असमंजस के कारण राजद को कुछ सफलता मिली है।

कुशवाहा ने यह भी कहा कि राजद को अपनी इस छोटी सी जीत पर खुश नहीं होना चाहिए, क्योंकि यह खुशी 2025 के विधानसभा चुनावों में उनके लिए गम में बदल जाएगी। उन्होंने बिहार की राजनीति में राजद की स्थिति पर सवाल उठाते हुए कहा कि उनके पास स्थायी जनसमर्थन नहीं है और यह स्थिति अस्थायी है। कुशवाहा का यह बयान उन समीक्षकों के लिए एक स्पष्ट संदेश था जो यह मानते थे कि राजद की हालिया सफलता एक स्थायी परिवर्तन की ओर इशारा करती है।

आगामी विधानसभा चुनावों के संदर्भ में कुशवाहा ने कहा कि एनडीए एकजुटता और पूरी ताकत के साथ चुनावी मैदान में उतरेगा। उन्होंने यह विश्वास जताया कि बिहार में एनडीए फिर से सत्ता में लौटेगा। कुशवाहा ने यह भी बताया कि एनडीए की एकजुटता और ताकत चुनावी परिणामों पर सकारात्मक प्रभाव डालेगी, जिससे बिहार में एक बार फिर से विकास की नई राह प्रशस्त होगी।

इस प्रकार, कुशवाहा का यह बयान बिहार की राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है, जहां उन्होंने राजद की अस्थिरता को उजागर करते हुए एनडीए की मजबूती का भरोसा दिलाया। उनकी टिप्पणी इस बात को भी रेखांकित करती है कि बिहार में राजनीतिक दलों के बीच की प्रतिस्पर्धा कितनी तीव्र हो चुकी है और आगामी चुनावों में जनता का मूड क्या होगा, यह देखना रोचक होगा।

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