दिल्ली में डिजिटल अरेस्ट से ठगी: फर्जी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई, दो आरोपी गिरफ्तार

दिल्ली पुलिस ने हाल ही में एक गंभीर ठगी के मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया है, जो डिजिटल अरेस्ट के जरिए लोगों को धोखा दे रहे थे। यह घटना देश की राजधानी में हुई, जहां आरोपियों ने खुद को क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताकर लोगों को भयभीत किया और उनसे पैसे वसूले।
ठगी की तकनीक
पुलिस के अनुसार, इन आरोपियों ने एक नई तकनीक का इस्तेमाल किया जिसे “डिजिटल गिरफ्तारी” कहा जाता है। इसमें आरोपी खुद को कानून प्रवर्तन एजेंसी का अधिकारी बताते हैं, जैसे कि सीबीआई या सीमा शुल्क अधिकारी। इसके बाद वे फर्जी अंतरराष्ट्रीय पार्सल के नाम पर वीडियो कॉल करके लोगों को गिरफ्तार करने की धमकी देते हैं। यह तकनीक इतनी प्रभावशाली है कि इससे लोग भयभीत होकर तुरंत पैसा देने के लिए तैयार हो जाते हैं।
पुलिस की कार्रवाई
पुलिस ने बताया कि इस गिरोह के खिलाफ कार्रवाई के लिए गुप्त सूचना पर एक विशेष टीम का गठन किया गया था। आरोपियों के खिलाफ FIR दर्ज की गई और उनकी गतिविधियों की जांच शुरू की गई। सोमवार को पुलिस ने इन दोनों आरोपियों को पकड़ने में सफलता प्राप्त की। उन्होंने बताया कि गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों के पास से कई मोबाइल फोन, लैपटॉप और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बरामद किए गए हैं, जिनका उपयोग वे ठगी करने में कर रहे थे।
पीड़ितों की शिकायतें
पुलिस ने बताया कि कई लोग ऐसे हैं जिन्होंने इस ठगी का शिकार बने हैं। उन्होंने कहा कि जब पीड़ितों ने इनकी बातों पर विश्वास किया और पैसे ट्रांसफर किए, तब उन्हें पता चला कि वे ठगी का शिकार हो चुके हैं। पीड़ितों ने पुलिस से शिकायत की कि उन्हें धमकाया गया था और उनके खिलाफ झूठे आरोप लगाए गए थे।
डिजिटल ठगी का बढ़ता मामला
दिल्ली में इस प्रकार की डिजिटल ठगी की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। यह एक गंभीर समस्या है क्योंकि इस तरह की ठगी में तकनीकी ज्ञान का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे लोगों को बहुत आसानी से धोखा दिया जा सकता है। पुलिस ने आम जनता से अपील की है कि वे ऐसे फोन कॉल्स या वीडियो कॉल्स पर ध्यान न दें और किसी भी प्रकार की जानकारी देने से पहले इसकी सत्यता की जांच करें।
सुरक्षा उपाय
पुलिस ने लोगों को सलाह दी है कि वे किसी भी अनजान नंबर से आए फोन कॉल्स या संदेशों पर सतर्क रहें। यदि कोई व्यक्ति खुद को सरकारी अधिकारी बताता है और पैसे मांगता है, तो तुरंत स्थानीय पुलिस स्टेशन में इसकी रिपोर्ट करें। इसके अलावा, लोगों को चाहिए कि वे अपनी व्यक्तिगत जानकारी को गोपनीय रखें और किसी भी स्थिति में अनजान लोगों के साथ शेयर न करें।