शेख हसीना अब इन दो मुस्लिम देशों से उम्मीद लगाए हुए हैं, ब्रिटेन और अमेरिका से मिले झटकों के बाद प्रयासरत हैं।

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शेख हसीना अब मुस्लिम देश सऊदी अरब और यूएई जाने की कोशिश में हैं। यही नहीं फिनलैंड को भी वह विकल्प के तौर पर देख रही हैं। वह अपनी छोटी बहन शेख रिहाना के साथ भारत आई हैं और तब से यहीं बनी हुई हैं।

बांग्लादेश की पूर्व पीएम को भारत आए करीब 48 घंटे बीत चुके हैं, लेकिन अब तक वह अपने लिए कोई सुरक्षित ठिकाना नहीं तलाश पाई हैं। इसके चलते यह साफ नहीं हो पा रहा है कि वह कब तक भारत में रहेंगी। पहले खबर थी कि वह ब्रिटेन जाने की तैयारी में हैं, लेकिन वहां से इनकार कर दिया गया। ब्रिटेन ने कूटनीतिक बयान देते हुए कहा कि शरण को लेकर अंतरराष्ट्रीय नियम कहता है कि व्यक्ति जहां भी सबसे पहले सुरक्षित पहुंचता है। वहीं उसे शरण मांगने का अधिकार है। इसके अलावा राजनीतिक शख्सियतों को शरण देने के किसी प्रावधान के होने से भी ब्रिटेन ने इनकार कर दिया। इसके अलावा अमेरिका की ओर से भी उन्हें इनकार ही नसीब हुआ है।इस बीच चर्चा है कि शेख हसीना विकल्पों पर विचार कर रही हैं। द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार शेख हसीना अब मुस्लिम देश सऊदी अरब और यूएई जाने की कोशिश में हैं। यही नहीं फिनलैंड को भी वह विकल्प के तौर पर देख रही हैं। वह अपनी छोटी बहन शेख रिहाना के साथ भारत आई हैं और तब से यहीं बनी हुई हैं। उन्हें बुधवार को ही हिंडन एयरबेस से निकालकर किसी सुरक्षित ठिकाने पर रखा गया है। लेकिन अब तक साफ नहीं हो सका है कि शेख हसीना कब तक भारत में रहेंगी और आगे क्या प्लान है।

उनके बेटे सजीब वाजेद जॉय का कहना है कि अब तक शेख हसीना ने किसी भी देश से शरण की मांग नहीं की है। उन्होंने कहा कि वह अमेरिका, यूके, फिनलैंड या फिर भारत में रह सकती हैं, जहां उनके परिवार के लोग रहते हैं। जॉय ने कहा कि मैं वॉशिंगटन में हूं। मेरी आंटी लंदन में हैं और बहन दिल्ली में रहती है। इसलिए अब तक तय नहीं है कि शेख हसीना कहां रहने का प्लान कर रही हैं। गौरतलब है कि शेख हसीना को लेकर विदेश मंत्री ने बताया था कि उन्होंने कुछ वक्त के लिए दिल्ली में रहने की परमिशन मांगी थी। यह मांग तत्काल की गई थी। इसके चलते भारत सरकार ने उन्हें सुरक्षित रास्ता दिया। हालांकि उन्होंने शेख हसीना के भविष्य को लेकर कोई बात नहीं कही।

 

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