BIHAR NEWS: बिहार मे जमीन सर्वे जोरों पर; पटना जमीन सर्वे को लेकर होने जा रहा एक कार्यक्रम
बिहार में जमीन सर्वे को लेकर तेजी से काम चल रहा है। इस बीच जमीन मालिकों कागजात संबंधित ढेर सारी परेशानियों का सामना भी करना पड़ रहा है। रैयत कागजातों के लिए ब्लॉक के चक्कर काट रहे हैं। अब जमीन सर्वे को लेकर नई जानकारी सामने आई है। किसान मोर्चा ने सर्वे को लेकर बड़ा फैसला लिया है।
प्रदेश का संयुक्त किसान मोर्चा किसानों को सही-सही जमीन सर्वे कैसे कराएं इसकी जानकारी देने के लिए अगले महीने पटना में दो दिनों की कार्यशाला आयोजित करेगा। सोमवार को पटना आयोजित मोर्चा की बैठक में यह निर्णय लिया गया। किसान यूनियन के बिहार प्रभारी दिनेश कुमार ने कहा कि सरकार सर्वे के बहाने किसानों से जमीन छीनने के प्रयास कर रही है। किसान अपनी जमीन को कैसे सुरक्षित रख सकते हैं, कार्यशाला में उन्हें इस विषय में विशेषज्ञ विस्तार से जानकारी देंगे।
बैठक में किसान सभा के महासचिव अशोक प्रसाद सिंह, किसान मंच के अमरीश नंदन, जागो किसान मंच के नरेश कुमार यादव समेत दूसरे कई अन्य लोग उपस्थित रहे।
पालीगंज में विरोध के वावजूद भी सर्वे का कार्य शुरू
पालीगंज अंचल क्षेत्र में भारी विरोध के वावजूद भी 118 मौजा में से 101 मौजा में सर्वे को लेकर आम सभा करायी जा चुकी है। ये कहना है पालीगंज अंचल के सहायक बंदोवस्त पदाधिकारी मो. सैफ रजा का। सहायक बंदोवस्त पदाधिकारी मो. सैफ रजा ने बताया कि पालीगंज अंचल क्षेत्र में कूल 118 मौजे है। जिसमें से 7 नगर पंचायत क्षेत्र में है। किसानों के लिए करीब 101 मौजे में सर्वे का कार्य पारम्भ हो चुका है। जिसमें से 1325 किसानों ने अपना सर्वे का आवेदन संबंधित अमीन व खिड़ीमोड़ स्थित पंचायत सरकार भवन में बनाये गये सर्वे कार्यालय में जमा कराया गया है।
साथ ही उन्होने बताया कि खतियानी रैयत के मृत्यु के उपरांत उतराधिकार के द्वारा वंशावली बनाकर आवेदन के साथ सर्वे के लिए जमा कराना होगा। साथ ही केवाला रेयत सर्वे के लिए रसीद की छायाप्रति व डीड की छायाप्रति लगाकर प्रपत्र के साथ जमा करा सकते है।
दाखिल खारिज करवाना अनिवार्य
डीड का अंचल कार्यालय से दाखिल खारिज उस दौरान करवाना अनिवार्य है। ताकि प्लॉट पर अमीन जाने के बाद किसान के द्वारा प्रस्तूत किया जा सके। वहीं किसान नेता डॉ. श्यामनदंन शर्मा ने कहा कि सरकार अविलंब सर्वे को रोककर परिमार्जन और दाखिल खारिज में हो रही भष्टचार को रोके तभी किसानों को शत प्रतिशत कार्य हो सकेगा।
सरकार ने पंचायत में सर्वे के लिए भेजे गये अमीन को भी सर्वे के बारे में कुछ ज्यादा जानकारी नहीं है। जिससे किसानों को मोटिवेट कर सके। अमीन के द्वारा सर्वे के लिए जाने पर किसानों से कई तरह की कागजात मांगी जा रही है। जिससे किसान काफी परेशान है।