UP NEWS: डॉक्टरों की फर्जी डिग्री बनाने का करता था काम; अस्पताल सील, आरोपी अलाउद्दीन फरार
सील की कार्रवाई का परिजनों ने किया विरोध, टीम ने कहा दबाव है, करनी पड़ेगी कार्रवाई।
डॉक्टरों की फर्जी डिग्री तैयार करने वाला सरगना अलाउद्दीन अली के तमकुहीराज में संचालित निजी अस्पताल को स्वास्थ्य विभाग ने बुधवार की देर रात सील कर दिया। स्वास्थ्य विभाग की टीम के पहुंचने के बाद अलाउद्दीन के परिजन भी वहां पहुंच गए और सील की कार्रवाई का विरोध करने लगे। इसके बाद स्वास्थ्य टीम में शामिल कर्मियों ने परिजनों को विश्वास में लेकर अस्पताल सील कर दिया। टीम ने अलाउद्दीन की पत्नी से कहा कि ऊपर से काफी दबाव है। इसलिए अस्पताल के खिलाफ इस वक्त कार्रवाई करनी ही होगी।
डॉक्टरों की फर्जी डिग्री तैयार करने वाला सरगना अलाउद्दीन अली तमकुहीराज के हाईवे किनारे डेढ़ साल से मानकों को दरकिनार कर परी हॉस्पिटल चला रहा था। जिम्मेदार नियमित रूप से इस रास्ते से गुजरते थे, लेकिन वह इस अस्पताल की जांच करना जरूरी नहीं समझते थे। अलाउद्दीन की स्वास्थ्य विभाग में मजबूत पकड़ के कारण जिम्मेदार अस्पताल पर हाथ डालने से भी परहेज करते थे। इधर, डॉक्टरों की फर्जी डिग्री बनाने वाले गैंग के सरगना के रूप में अलाउद्दीन का नाम सामने आ गया। अलाउद्दीन की बीएएमएस की डिग्री भी संदेह के घेरे में आ गई, लेकिन अलाउद्दीन के ही नाम पर संचालित हो रहे अस्पताल की जांच करने से भी जिम्मेदार परहेज करते रहे।
कुशीनगर व गोरखपुर पुलिस के लिए सिर दर्द बन चुके अलाउद्दीन के खिलाफ जब गुलहरिया पुलिस ने भगौड़ा घोषित करने की कार्रवाई शुरू की तो हरकत में आए स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार बुधवार की रात उसके अस्पताल की जांच करने पहुंचे। एसीएमओ डॉ. अवधेश कुशवाहा के नेतृत्व में पहुंची टीम ने जांच के दौरान पाया कि सरगना अलाउद्दीन परी हॉस्पिटल को बिना पंजीकरण चला रहा है। हॉस्पिटल में ऑपरेशन थिएटर, वार्ड आदि व्यवस्थाएं भी ठीक नहीं थीं। इसके बाद टीम ने अस्पताल सील कर दिया। इस जानकारी के बाद अलाउद्दीन की सभासद पत्नी वहां पहुंच गई और सील की कार्रवाई का विरोध करने लगी। एसीएमओ डॉ. अवधेश कुशवाहा ने उसे अपने विश्वास में लेने के बाद अस्पताल को सील करा दिया। टीम में शामिल कर्मचारियों ने अलाउद्दीन की पत्नी से कहा कि ऊपर से काफी दबाव है। इसके चलते अस्पताल को तत्काल सील करना पड़ रहा है।
बिना पंजीकरण चल रहा था अस्पताल, जिम्मेदार रहे खामोश
हाईवे किनारे अलाउद्दीन अली का निजी अस्पताल बिना पंजीकरण के चल रहा था। जांच में इसकी पुष्टि एसीएमओ डॉ. अवधेश कुशवाहा ने की है। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर अलाउद्दीन किसकी शह पर बिना पंजीकरण अस्पताल का संचालन कर रहा था। सूत्रों की मानें तो विभाग में मजबूत पकड़ होने के कारण अलाउद्दीन के अस्पताल पर जिम्मेदार भी हाथ डालना नहीं चाहते थे। सीएमओ कार्यालय में तैनात एक कर्मचारी से अलाउद्दीन की नजदीकियां रही हैं। उसके साथ अक्सर अस्पताल पर कई बार अलाउद्दीन देखा भी जा चुका है। फर्जीवाड़े में बतौर सरगना के रूप में अलाउद्दीन के सामने आने के बाद भी जिम्मेदार किसी भी तरह की जांच से बचते रहे। मामला हाईप्रोफाइल होने और अलाउद्दीन के भगोड़ा घोषित करने के बीच स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदारों ने भी चुप्पी तोड़ी और अस्पताल सील कर दिया
मजिस्ट्रेट की गैर मौजूदगी में टीम ने की कार्रवाई
अलाउद्दीन अली की ओर से अवैध रूप से संचालित किए जा रहे निजी अस्पताल को बुधवार की रात स्वास्थ्य टीम ने भले ही सील कर दिया, लेकिन कई सवालों को लेकर लोग चर्चा कर रहे हैं। जानकारों का कहना है कि मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में ही अस्पतालों को सील किए जाने की कार्रवाई की जाती है, लेकिन जिम्मेदारों ने मजिस्ट्रेट को इस कार्रवाई से दूर रखा और उनकी गैर मौजूदगी में ही अस्पताल सील कर दिया। दूसरी चर्चा यह है कि जब किसी इलाके में स्वास्थ्य टीम जांच करने अथवा कार्रवाई करने जाती है, तो उस इलाके के एमओआईसी को इसकी सूचना दी जाती है, लेकिन बुधवार की रात अलाउद्दीन के अस्पताल को सील करने से पूर्व इसकी सूचना टीम ने एमओआईसी को भी नहीं दी थी।