पाकिस्तान-बांग्लादेश संबंध: बांग्लादेश में शहबाज सरकार बड़े प्लान पर कर रही काम, भारत के लिए चिंता का विषय

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Pakistan- Bangladesh Relations: बांग्लादेश में शेख हसीना की सरकार गिरने और अंतरिम सरकार बनने के बाद पाकिस्तान अब बांग्लादेश के भीतर पैर जमाने की कोशशि में जुट गया है. इसके लिए पाकिस्तान ने तीन बिंदुओं पर काम करना शुरु कर दिया है. शेख हसीना को भारत के लिए नरम रुख रखने वाली नेता माना जाता रहा है, जिसकी वजह से अभी तक बांग्लादेश के भीतर पाकिस्तान की दाल नहीं गल रही थी. अब मुहम्मद यूनुस की सरकार में पाकिस्तान के लिए नई उम्मीद जगी है, जिसको लेकर शहबाज सरकार ने काम करना शुरू कर दिया है.

पाकिस्तानी पत्रकार और यूट्यूबर कामरान यूसुफ ने पाकिस्तान-बांग्लादेश के बीच नए संबंधों को लेकर एक वीडियो में जानकारी साझा की है. यूसुफ ने बताया कि इन मुद्दों को लेकर शहबाज शरीफ और मुहम्मद यूनुस के बीच बातचीत भी हुई है. जिसके बाद दोनों देशों के बीच बेहतर संबंध की चाह रखने वालों के बीच तीन उम्मीदें जगी हैं. इनमें सबसे प्रमुख बात यह है कि अब बांग्लादेश के भीतर पाकिस्तानी राजनयिक को दूसरे देशों के बराबर का दर्जा मिलेगा और वे खुलकर काम कर सकेंगे. अभी तक पाकिस्तानी डिप्लोमेट को बांग्लादेश के भीतर बहुत काम नहीं करने दिया जाता था, जबकि भारतीय डिप्लोमेट को काफी इज्जत मिलती थी.

इकोनॉमिक गतिविधियों में तेजी लाएगा पाकिस्तान
पाकिस्तान-बांग्लादेश के बीच संबंधों को सुधारने की दिशा में दूसरा सबसे महत्वपूर्ण कदम यह है कि दोनों देशों के बीच बनाए गए फोरम को एक्टिव करना है. शेख हसीना की सरकार में इकोनॉमिक फोरम मौजूद तो था, लेकिन यह एक्टिव नहीं था. अब उम्मीद की जा रही है कि यह फोरम एक्टिव होगा और दोनों देशों के बीच रिश्तों में सुधार के तत्व मजबूत होंगे.

पाकिस्तान-बांग्लादेश के बीच 1971 का मुद्दा
बांग्लादेश और पाकिस्तान के बीच तीसरा सबसे बड़ा मुद्दा 1971 से जुड़ा है. दरअसल, साल 1971 से पहले बांग्लादेश पाकिस्तान का हिस्सा था. बांग्लादेश के लोगों ने जब आजादी की मांग की थो पाकिस्तानी फौज ने उनपर जमकर जुल्म किया. ऐसी स्थिति में बांग्लादेश की एक बड़ी आबादी में पाकिस्तान के लिए हमेशा से गुस्सा रहा है. पाकिस्तानी पत्रकार कामरान का कहना है कि खालिदा जिया के वक्त में परवेज मुशर्रफ ने बांग्लादेश का दौरा किया था, इस दौरान उन्होंने वॉर मेमोरियल जाकर इस जंग के लिए खेद जताया था. वहीं खालिदा सरकार ने इस खेद को स्वीकार भी कर लिया था, लेकिन शेख हसीना जब सरकार में आईं तो उन्होंने इसी मुद्दे पर एक बार फिर पाकिस्तान को घेर लिया.

पाकिस्तानी डिप्लोमेट ने मंत्री से की बात
पाकिस्तानी पत्रकार का कहना है कि हसीना सरकार गिरने के बाद अब पाकिस्तान एक बार फिर इस मुद्दे को सुलझाना चाहता है, इसके लिए दोनों देशों के बीच बात भी हुई है. बांग्लादेश में पाकिस्तान के डिप्लोमेट ने यूनुस सरकार के मंत्री नाहिद इस्लाम से 1971 के मुद्दे को सुलझाने के लिए कहा है. पाकिस्तान को अब अंतरिम सरकार से उम्मीद है कि दोनों देशों के बीच रिश्तों में सुधार हो सकता है.

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