BIHAR NEWS: 36 साल बाद मिला न्याय; बकरी चोरी का मामला, 12 लोगों पर था मुकदमा

औरंगाबाद के दाउदनगर थाना क्षेत्र में 1988 में राजन राय के घर पर हुए हमले के मामले में अदालत ने 36 साल बाद पांच अभियुक्तों को दोषमुक्त करार दिया। राजन राय ने 12 लोगों पर बकरियां चुराने और घर जलाने का आरोप लगाया था। न्यायालय ने गवाहों की गवाही सुनने के बाद यह फैसला सुनाया।



36 साल पुराने एक मामले में अदालत ने बड़ा फैसला सुनाया है। दाउदनगर के असलेमपुर गांव में 25 जून 1988 को हुई चोरी और आगजनी के एक मामले में अदालत ने पांच अभियुक्तों को बरी कर दिया है। अदालत ने माना कि इतने लंबे समय तक चले मुकदमे में अभियोजन पक्ष अपनी बात साबित नहीं कर पाया। घटना 25 जून 1988 की है। असलेमपुर गांव के रहने वाले राजन राय ने दाउदनगर थाने में शिकायत दर्ज कराई थी कि 12 लोग उनके घर में घुस आए और उनकी दो बकरियां जबरदस्ती ले जाने लगे। जब उन्होंने विरोध किया तो उन लोगों ने मारपीट की और उनके घर को आग लगा दी।

पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की। इस दौरान 7 आरोपियों की मौत हो गई। दो आरोपियों पर अलग से केस चला। बाकी बचे 5 आरोपियों के खिलाफ अदालत में सुनवाई चलती रही। 36 साल तक चले इस मुकदमे में कई गवाहों के बयान दर्ज किए गए।

आखिरकार 10 अगस्त 2023 को औरंगाबाद के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सौरभ सिंह ने अपना फैसला सुनाया। उन्होंने कहा कि अभियोजन पक्ष आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं जुटा पाया। इसलिए, अदालत पांचों आरोपियों – लखन राय, मदन राय, विष्णुदयाल राय, दीनदयाल राय और मनोज राय को सभी आरोपों से बरी करती है। अदालत का यह फैसला ऐतिहासिक माना जा रहा है क्योंकि यह दर्शाता है कि न्याय में देरी कितनी महंगी साबित हो सकती है। हालांकि, अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि देरी के कारण ही किसी दोषी को सजा से मुक्त नहीं किया जा सकता। रिहा होने के बाद अभियुक्तों ने कहा, ‘हमें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा था। देर से ही सही, हमें न्याय मिला।’

 

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