JHARKHAND NEWS: सरकार 39 लाख बिजली उपभोक्ताओं की 35 सौ करोड़ रूपए करेंगी माफ; अग्निवीरों को मिलेगी सरकारी नौकरी

कैबिनेट बैठक में जिस प्रस्ताव को मंजूरी मिली है उसके तहत सरकार राज्य के 39,44,389 उपभोक्ताओं का 3584 करोड़ रुपये माफ करेगी।



झारखंड में नि:शुल्क 200 यूनिट का लाभ पा रहे लाभुकों का पुराना बिजली बिल माफ किया जाएगा। इसके तहत सरकार राज्य के 39,44,389 उपभोक्ताओं का 3584 करोड़ रुपये माफ करेगी। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में गुरुवार को आयोजित कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। मंत्रिपरिषद की बैठक में कुल 44 प्रस्ताव स्वीकृत किये गए।

बैठक के बाद कैबिनेट की प्रधान सचिव वंदना दादेल ने बताया कि मुख्यमंत्री खुशहाली योजना के तहत झारखंड में 200 यूनिट बिजली का लाभ पाने वाले घरेलू उपभोक्ताओं के पुराने बिजली बिल माफ करने की स्वीकृति दी गई है। इसमें ग्रामीण क्षेत्रों के 33,07,294 उपभोक्ता का 3200 करोड़ माफ होगा, जबकि 6,37,094 शहरी उपभोक्ता का 384 करोड़ रुपये का बकाया बिल माफ होगा। जून 2024 तक का बकाया बिल माफ किये जाने की कैबिनेट में मंजूरी दी गई है।

दादेल ने यह भी बताया कि राज्य के छह जिलों में 10,288 आंगनबाड़ी पोषण सखी की पुनर्बहाली होंगी। ये पोषण सखियां पूर्व में छह जिले धनबाद, दुमका, गिरिडीह, चतरा, कोडरमा और गोड्डा में कार्यरत थीं। केंद्र और राज्य सरकार राशि वहन करती थी, लेकिन केंद्र से राशि नहीं आने के कारण इन्हें सेवा से हटाया गया था। अब इन्हें पुनर्बहाल कर इनकी सेवा ली जाएगी।

कैबिनेट ने कल्याण विभाग के आवासीय विद्यालयों में सीटों की संख्या में बढ़ोतरी को भी मंजूरी दी है। कल्याण विभाग के 81 अनुसूचित जनजाति व 21 अनुसूचित जाति आवासीय स्कूलों में 16,368 सीटों को बढ़ाकर 39,380 कर दिया गया है। इसके आधार पर कुल 23,012 सीटें बढ़ाई गई हैं, जिनपर नामांकन होगा।

शहीद अग्निवीर के आश्रितों को भी सरकारी नौकरी

कैबिनेट की बैठक में शहीद सामान्य सैनिकों की तरह अग्निवीर को भी सम्मान देने का प्रस्ताव पारित किया। इसमें शहीद अग्निवीर के आश्रित को 10 लाख रुपये और राज्य में सरकारी नौकरी दी जाएगी। शहीद की पत्नी, बेटा-दत्तक पुत्र को आश्रित के रूप में लाभ मिल सकेगा।

रसोइया-सहायिका को अब 12 महीने का मानेदय

राज्य के सरकारी स्कूलों में कार्यरत रसोइया-सहायिका को अब 12 माह का मानदेय मिलेगा। पूर्व में 10 महीने का ही मानदेय मिलता था। 79,286 रसोइया-सहायिका को इसका लाभ मिलेगा। इससे अब उन्हें दो माह के दो हजार रुपये अलग से मिलेंगे। इसपर सरकार का 31.71 करोड़ खर्च होगा।

 

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