बिहार विधानसभा में मंत्री प्रेम कुमार का गुस्सा फूटा, विपक्ष को दी चेतावनी

Minister Prem Kumar took a dig at Tejashwi said these are children in politics and they need to learn now | मंत्री प्रेम कुमार ने तेजस्वी पर कसा तंज, कहा- ये राजनीति

 

बिहार विधानसभा में उस समय माहौल गरमा गया जब राज्य के मंत्री प्रेम कुमार ने अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए विपक्ष को कड़ा संदेश दिया। सदन में बढ़ते हंगामे के बीच मंत्री प्रेम कुमार ने कहा कि “अगर आप हंगामा करेंगे, तो मैं भी चुप नहीं बैठूंगा।” उनकी यह प्रतिक्रिया विपक्ष के लगातार विरोध और शोर-शराबे के कारण आई।

 

घटना का पूरा विवरण

 

बिहार विधानसभा में एक महत्वपूर्ण विधेयक पर चर्चा के दौरान विपक्षी दलों के नेताओं ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इस बीच मंत्री प्रेम कुमार ने धैर्य खो दिया और सख्त लहजे में विपक्ष को जवाब दिया।

 

उन्होंने विपक्ष पर सदन की गरिमा भंग करने का आरोप लगाया और कहा कि अगर वे इसी तरह बाधा डालते रहेंगे तो उन्हें भी जवाब देना आएगा। उनके इस बयान के बाद सदन में हलचल और तेज हो गई, और दोनों पक्षों के बीच तीखी बहस शुरू हो गई।

 

विपक्ष का पलटवार

 

मंत्री प्रेम कुमार की इस प्रतिक्रिया के बाद विपक्षी दलों ने सरकार पर तानाशाही रवैया अपनाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में हर किसी को अपनी बात रखने का अधिकार है, लेकिन सरकार असहमति की आवाज दबाने का प्रयास कर रही है।

 

कुछ नेताओं ने मंत्री प्रेम कुमार के इस व्यवहार को असंसदीय करार दिया और उनसे अपने बयान पर स्पष्टीकरण देने की मांग की।

 

सदन की कार्यवाही बाधित

 

इस विवाद के चलते विधानसभा की कार्यवाही कुछ देर के लिए बाधित रही। स्पीकर को हस्तक्षेप करना पड़ा और दोनों पक्षों से शांति बनाए रखने की अपील की गई।

 

राजनीतिक गर्माहट बढ़ी

 

इस घटना के बाद बिहार की राजनीति में सरगर्मी बढ़ गई है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि राज्य में बढ़ते राजनीतिक तनाव के बीच इस तरह की घटनाएं आम होती जा रही हैं। विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच बढ़ती तनातनी आगामी चुनावों के संदर्भ में भी महत्वपूर्ण मानी जा रही है।

 

सरकार का रुख

 

सरकारी प्रवक्ताओं ने मंत्री प्रेम कुमार का बचाव करते हुए कहा कि उन्होंने केवल सदन की गरिमा बनाए रखने की बात कही थी और विपक्षी दल बेवजह मामले को तूल दे रहे हैं।

 

अब यह देखना दिलचस्प होगा कि इस मुद्दे पर सरकार और विपक्ष के बीच राजनीतिक टकराव किस दिशा में जाता है और क्या यह आगामी सत्रों को भी प्रभावित करेगा।

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