बिहार बजट में भारी बढ़ोतरी पर तेजस्वी यादव ने खड़े किए सवाल, वेतन संकट पर जताई चिंता
बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने हाल ही में पेश किए गए ₹3,16,895 करोड़ के बजट पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने बजट में ₹39,000 करोड़ की वृद्धि को लेकर सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह चुनावी वर्ष में महज आंकड़ों की बाजीगरी है। उन्होंने पूछा कि इतनी बड़ी राशि की वृद्धि आखिर कैसे संभव हुई? क्या बिहार की राजस्व आय में कोई बड़ा उछाल आया है, या फिर यह सिर्फ कागजी हेरफेर है?
राज्य की वित्तीय स्थिति पर गंभीर सवाल
तेजस्वी यादव ने बिहार की आर्थिक स्थिति को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार शिक्षकों, मजदूरों और डॉक्टरों का वेतन देने में असमर्थ है, लेकिन फिर भी बजट में जबरदस्त बढ़ोतरी कर अपनी उपलब्धियों का ढिंढोरा पीट रही है। उन्होंने सरकार से यह स्पष्ट करने की मांग की कि आखिर यह धन कहां से आ रहा है और इसे किन योजनाओं में खर्च किया जाएगा?
बढ़ता कर्ज और बिहार की आर्थिक स्थिति
तेजस्वी यादव ने बिहार सरकार के बढ़ते कर्ज को लेकर भी सवाल उठाए। उन्होंने बताया कि वर्तमान में बिहार पर ₹3,19,618 करोड़ का कर्ज है, जो देश के शीर्ष कर्जग्रस्त राज्यों में से एक है। यदि इसे प्रति व्यक्ति देखा जाए, तो हर बिहारी पर लगभग ₹25,000 का कर्ज है। उन्होंने यह भी कहा कि बिहार में हर साल कर्ज 10% की दर से बढ़ रहा है, जबकि राजस्व में केवल 5% की वृद्धि हो रही है, जो गंभीर वित्तीय असंतुलन को दर्शाता है।
केंद्र सरकार पर भेदभाव का आरोप
तेजस्वी यादव ने केंद्र सरकार पर बिहार के साथ सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि डबल इंजन सरकार की बात करने वाले नेता यह स्पष्ट करें कि बिहार को अभी तक विशेष राज्य का दर्जा क्यों नहीं दिया गया? उन्होंने दावा किया कि केंद्र से बिहार को अपेक्षित आर्थिक सहयोग नहीं मिल रहा, जिसके कारण राज्य की वित्तीय स्थिति लगातार खराब हो रही है।
अपराध दर पर चिंता
इसके साथ ही, तेजस्वी यादव ने बिहार में अपराध की बढ़ती घटनाओं पर भी चिंता व्यक्त की। उन्होंने राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया कि पिछले 20 वर्षों में बिहार में 65,000 हत्याएं, 25,000 बलात्कार, 1 लाख अपहरण और 3 लाख चोरी की घटनाएं दर्ज की गई हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को इन मुद्दों पर भी ध्यान देना चाहिए, न कि सिर्फ आंकड़ों के खेल में जनता को उलझाना चाहिए।
तेजस्वी यादव ने बिहार सरकार से मांग की कि वह बजट को लेकर पूरी पारदर्शिता बरते और जनता को यह स्पष्ट करे कि अतिरिक्त ₹39,000 करोड़ कहां से आए और कहां खर्च होंगे। साथ ही, उन्होंने सरकार से मांग की कि कर्मचारियों के वेतन संकट को जल्द से जल्द दूर किया जाए और बिहार की वित्तीय स्थिरता पर ध्यान दिया जाए।