पटना में झोपड़ी में लगी आग से दो बच्चों की मौत, दो घायल
बिहार की राजधानी पटना के गौरीचक थाना क्षेत्र में सोमवार रात दर्दनाक हादसा हुआ। जनकपुर मोड़ इलाके में स्थित एक झोपड़ी में भीषण आग लगने से दो मासूम बच्चों की जलकर मौत हो गई, जबकि दो अन्य गंभीर रूप से झुलस गए। घायलों को नालंदा मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (एनएमसीएच) में भर्ती कराया गया है, जहां उनकी हालत चिंताजनक बनी हुई है।
आग लगने की वजह और घटना का पूरा विवरण
स्थानीय लोगों के अनुसार, परिवार के सदस्य रात को सोने से पहले मच्छर भगाने के लिए अगरबत्ती जला रहे थे। आशंका है कि जलती हुई अगरबत्ती से चिंगारी निकली और पास रखी चादर में आग लग गई। देखते ही देखते आग ने पूरी झोपड़ी को अपनी चपेट में ले लिया। झोपड़ी में सो रहे बच्चे आग की चपेट में आ गए, जिससे 8 वर्षीय सन्नी कुमार और 4 वर्षीय आदित्य कुमार की मौके पर ही मौत हो गई। दो अन्य बच्चे गंभीर रूप से झुलस गए, जिन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया।
स्थानीय प्रशासन की त्वरित कार्रवाई
आग लगने की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस और फायर ब्रिगेड की टीम मौके पर पहुंची। दमकल कर्मियों ने कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया, लेकिन तब तक तीन झोपड़ियां पूरी तरह जल चुकी थीं और परिवार का सारा सामान राख हो चुका था। पुलिस ने घटना की जांच शुरू कर दी है और यह पता लगाया जा रहा है कि आग लगने की असल वजह क्या थी।
प्रत्यक्षदर्शियों का बयान
इलाके के लोगों ने बताया कि जैसे ही आग लगी, पूरे मोहल्ले में हड़कंप मच गया। आसपास के लोग आग बुझाने के लिए दौड़े, लेकिन लपटें इतनी तेज थीं कि वे बच्चों को नहीं बचा सके। एक पड़ोसी ने कहा, “अगर दमकल की गाड़ी थोड़ी जल्दी पहुंचती, तो शायद बड़ा नुकसान टाला जा सकता था।”
झुग्गी बस्तियों में सुरक्षा के मुद्दे
इस घटना ने झुग्गी-बस्तियों में रहने वाले गरीब परिवारों की सुरक्षा पर एक बार फिर सवाल खड़ा कर दिया है। झोपड़ियों में बिजली, गैस और आग से जुड़े जोखिम अधिक होते हैं, जिससे इस तरह की घटनाएं बार-बार होती हैं। प्रशासन से मांग की जा रही है कि इन इलाकों में रहने वालों को आग से सुरक्षा के बेहतर इंतजाम उपलब्ध कराए जाएं।
परिवार का रो-रोकर बुरा हाल
हादसे के बाद मृतक बच्चों के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। मां अपने बच्चों को याद कर बार-बार बेहोश हो रही है। स्थानीय प्रशासन ने पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता देने का आश्वासन दिया है और भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचाव के लिए कड़े कदम उठाने की बात कही है।