गोपालगंज में 33 शिक्षकों की बर्खास्तगी, वेतन वसूली का आदेश
बिहार के गोपालगंज जिले में शिक्षा विभाग की बड़ी कार्रवाई सामने आई है। अनियमितताओं और फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नियुक्ति पाने के आरोप में 33 शिक्षकों को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। इसके साथ ही प्रशासन ने उनके द्वारा अब तक लिए गए वेतन की वसूली का भी आदेश दिया है।
कैसे हुआ खुलासा?
बिहार सरकार ने शिक्षकों की योग्यता और नियुक्ति प्रक्रिया की जांच के लिए एक विशेष अभियान चलाया था।
इस जांच में गोपालगंज के 33 शिक्षक फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर बहाल पाए गए।
रिपोर्ट सामने आते ही शिक्षा विभाग ने तत्काल इन शिक्षकों को बर्खास्त करने का आदेश दिया।
वेतन की वसूली भी होगी
सरकार ने साफ किया है कि जो भी शिक्षक फर्जी तरीके से बहाल हुए थे, उनसे उनका पूरा वेतन वसूला जाएगा।
प्रशासन ने संबंधित अधिकारियों को वेतन रिकवरी की प्रक्रिया जल्द शुरू करने के निर्देश दिए हैं।
यह फैसला सरकारी खजाने को हुए नुकसान की भरपाई के लिए लिया गया है।
क्या होगी आगे की कार्रवाई?
शिक्षा विभाग अब अन्य जिलों में भी इसी तरह की जांच करने की तैयारी में है।
ऐसे मामलों में शिक्षकों पर कानूनी कार्रवाई भी हो सकती है।
सरकार ने साफ कर दिया है कि शिक्षा व्यवस्था में किसी भी तरह की धांधली बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
बिहार में शिक्षकों की भर्ती पर कड़ी निगरानी
बिहार सरकार लंबे समय से शिक्षा क्षेत्र में सुधार लाने के प्रयास कर रही है।
फर्जी बहाली और भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए अब सभी शिक्षकों के दस्तावेजों की दोबारा जांच हो रही है।
यह मामला बताता है कि भ्रष्टाचार करने वालों पर अब कड़ी नजर रखी जाएगी और दोषियों को सजा मिलेगी।
गोपालगंज में हुई यह कार्रवाई शिक्षा प्रणाली में पारदर्शिता लाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। सरकार का यह सख्त रुख संकेत देता है कि अब फर्जीवाड़ा करने वालों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा।