इस परीक्षा में उम्मीदवारों की योग्यता को जांचने के लिए व्यापक पाठ्यक्रम तैयार किया गया है। इसमें भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस), भारतीय साक्ष्य अधिनियम (बीएसए), साइबर अपराध और आईटी कौशल, एनडीपीएस अधिनियम, पोक्सो अधिनियम, जेजे अधिनियम, शस्त्र अधिनियम, दिल्ली पुलिस अधिनियम, दिल्ली आबकारी अधिनियम और कंपनी अधिनियम जैसे महत्वपूर्ण कानून शामिल होंगे। परीक्षा में बहुविकल्पीय और वर्णनात्मक प्रश्नों का मिश्रण होगा, जिससे कानूनी ज्ञान, जांच कौशल और निर्णय लेने की क्षमता की जांच की जाएगी।
वरिष्ठ अधिकारियों का मानना है कि यह प्रणाली पुलिसिंग के स्तर को सुधारने और नियुक्ति प्रक्रिया को निष्पक्ष बनाने में सहायक होगी। एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा, “इस परीक्षा से जांच कौशल बेहतर होगा और पुलिसिंग का स्तर ऊंचा उठेगा। यह एक पारदर्शी और निष्पक्ष तरीका है, जिसकी लंबे समय से आवश्यकता थी।”
जैसे-जैसे परीक्षा की तारीख करीब आ रही है, दिल्ली के पुलिस थानों में तैयारी जोरों पर है। निरीक्षक रातभर जागकर पढ़ाई कर रहे हैं और परीक्षा को लेकर रणनीति बना रहे हैं। रोहिणी के एक पुलिस निरीक्षक ने कहा, “हमने अपनी तरफ से पूरी मेहनत की है, अब सबकुछ भगवान के हाथ में है।”