दिल्ली में सड़कों और नालों के निर्माण घोटाले का खुलासा , एसीबी ने इंजीनियर और ठेकेदारों पर कसा शिकंजा

पिछली राज्य सरकार के कार्यकाल में विभिन्न विभागों में हुए घोटाले के मामले में अब केस दर्ज होना शुरू हो गया है। सड़कों व नालों के निर्माण में करीब 5.5 करोड़ रुपये के घोटाले का पता चलने पर दिल्ली सरकार की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) में सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग के निलंबित अधिशासी अभियंता गगन कुरील समेत अन्य के खिलाफ केस दर्ज कराया गया है।
ठेकेदारों को कर दिया 100 प्रतिशत पेमेंट
नई सरकार के गठन के बाद घोटाले का यह पहला मामला है जब सरकार से हरी झंडी मिलने के बाद एसीबी ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, धोखाधड़ी की विभिन्न धाराओं व आपराधिक साजिश रचने की धारा में केस दर्ज किया है। चार कार्यों में बिना काम किए ठेकेदारों को 100 प्रतिशत पेमेंट कर दिया गया और कागजों में काम पूरा होना दिखा दिया गया।
शामिल हो सकते हैं करीब आधा दर्जन ठेकेदार
एसीबी के संयुक्त आयुक्त मधुर वर्मा का कहना है कि गगन कुरील के साथ इस घोटाले में सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग के चार-पांच अन्य अधिकारी व करीब आधा दर्जन ठेकेदार शामिल हो सकते हैं। जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ेगी घोटाले में शामिल आरोपितों के नाम का पता लगते जाएगा।
रिपेयरिंग व पेंटिंग कार्य का था ठेका
इसके बाद साक्ष्य जुटाने के बाद उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा। जिन चार कार्यों में घोटाले का पता चला है उनमें तीन सिरसपुर गांव, लाल डोरा क्षेत्र, उत्तरी दिल्ली में नालों व दोनों तरफ की कुछ सड़कों के निर्माण कार्य शामिल हैं। इनमें एक ठेका 1.5 करोड़, दूसरा दो करोड़ व तीसरा 1.67 करोड़ का था। इसके अलावा बुराड़ी में करीब 50 लाख का रिपेयरिंग व पेंटिंग कार्य का ठेका था।
इन अधिकारियों के खिलाफ मिली थी शिकायत
कुछ माह पहले घोटाले की जानकारी मिलने पर अधिशासी अभियंता गगन कुरील को निलंबित कर दिया गया था। अब उनके खिलाफ केस दर्ज कराया गया है। निजी ठेकेदारों की मिलीभगत से गगन कुरील ने ऐसा किया। कुछ दिन पहले एसीबी को सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग के अधिकारियों के खिलाफ शिकायत मिली थी। शिकायत में सरकारी अधिकारियों द्वारा ठेकेदारों को किए गए फर्जी भुगतान की जानकारी दी गई।
एसीबी को शिकायत देने से पहले सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग के प्रमुख सचिव द्वारा अभियंताओं की एक समिति गठित की गई जिसने प्रत्येक मामले की गहन जांच की। छह कार्यों की जांच के बाद समिति ने संबंधित अधिकारी को अपनी रिपोर्ट सौंपी दी थी, जिनमें चार कार्यों में बिना काम किए 100 प्रतिशत भुगतान व एक कार्य में अधिकार से बाहर जाकर अनधिकृत रूप से काम करने की बात कही गई। एसीबी की प्रारंभिक जांच व समिति की रिपोर्ट से आरोपों की पुष्टि हो जाने पर केस दर्ज कर लिया गया।