मध्य प्रदेश में कृष्ण पाथेय योजना का आगाज़, धार्मिक पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
मध्य प्रदेश सरकार धार्मिक पर्यटन को नया आयाम देने के लिए “कृष्ण पाथेय योजना” शुरू कर रही है। इस योजना का उद्देश्य श्रीकृष्ण से जुड़े ऐतिहासिक स्थलों का संरक्षण और संवर्धन करना है, जिससे न केवल धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि सांस्कृतिक धरोहर भी संरक्षित होगी।
इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत 3200 से अधिक श्रीकृष्ण मंदिरों का रखरखाव किया जाएगा। योजना को सफल बनाने के लिए गुजरात और राजस्थान सरकार भी सहयोग करेगी। इसके अलावा, श्रीकृष्ण से जुड़े महत्वपूर्ण स्थलों का नक्शा तैयार किया जा रहा है, जिसमें मध्य प्रदेश के अलावा मथुरा, द्वारका, अमरावती और सोमनाथ जैसे स्थल भी शामिल होंगे।
सांदिपनी आश्रम बनेगा केंद्र, राम पथ गमन को भी बजट
इस योजना का केंद्र उज्जैन स्थित सांदिपनी आश्रम होगा, जहां श्रीकृष्ण ने अपनी शिक्षा ग्रहण की थी। आश्रम में बेहतर पार्किंग सुविधाएं और अन्य बुनियादी ढांचे विकसित किए जाएंगे। इसके साथ ही, उज्जैन जिले के महिदपुर तहसील स्थित नारायणा गांव को श्रीकृष्ण और सुदामा की मित्रता स्थली के रूप में विकसित किया जाएगा।
धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने राम पथ गमन और चित्रकूट के विकास के लिए 30 करोड़ रुपये का प्रावधान भी किया है। वहीं, कृष्ण पाथेय योजना के लिए 10 करोड़ रुपये निर्धारित किए गए हैं, जिससे इन पवित्र स्थलों का संरक्षण किया जा सके।
धार्मिक पर्यटन से अर्थव्यवस्था को मिलेगा नया संबल
“कृष्ण पाथेय योजना” न केवल धार्मिक पर्यटन को गति देगी, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूत करेगी। मंदिरों के रखरखाव, सांस्कृतिक आयोजनों और पर्यटन के बढ़ने से स्थानीय व्यवसायों को भी लाभ मिलेगा। सरकार के इस कदम से श्रीकृष्ण भक्तों और इतिहास प्रेमियों के लिए एक नया धार्मिक पर्यटन मार्ग तैयार किया जा रहा है, जो आध्यात्मिकता और विरासत को एक नई पहचान देगा।