रहस्य बना स्कूल! चिरईगांव के सरकारी स्कूल में बच्चों के कंधों पर 50 किलो की बोरियां क्यों?

Students Made To Carry 50 Kg Food Grains In Composite School In Varanasi - Amar Ujala Hindi News Live - यूपी में सरकारी स्कूल का हाल:छात्रों से उठवाईं 50 किलो की खाद्यान्न

 

चिरईगांव के सरकारी स्कूल में छात्रों से भारी बोरी उठवाई, प्रशासन ने दिए जांच के आदेश

वाराणसी के चिरईगांव विकास खंड के कंपोजिट विद्यालय पचरांव में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। यहां स्कूल आने वाले छात्रों से खाद्यान्न की भारी बोरियां ढुलाई कराई गई। जब अभिभावकों को इस बात की जानकारी मिली, तो वे विद्यालय पहुंचे और प्रधानाध्यापक के सामने कड़ा विरोध दर्ज कराया। हालांकि, प्रधानाध्यापक ने छात्रों से बोरी उठवाने की बात को सिरे से खारिज कर दिया। वहीं, बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) डॉ. अरविंद पाठक ने इस मामले की जांच के आदेश दिए हैं।

स्कूल के बच्चों से उठवाई गई 50 किलो की बोरियां

कंपोजिट विद्यालय पचरांव में करीब 550 छात्र पढ़ते हैं। इन बच्चों के लिए हर महीने मध्याह्न भोजन (MDM) योजना के तहत खाद्यान्न मंगाया जाता है। मंगलवार को जब खाद्यान्न की आपूर्ति हुई, तो अन्य किसी मजदूर या कर्मचारी से काम कराने के बजाय छात्रों से ही भारी-भरकम बोरियां उठवाई गईं।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, मासूम बच्चे अपनी क्षमता से अधिक भारी बोरियां अपनी पीठ पर लादकर स्कूल के अंदर रखते दिखे। स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि सरकारी सस्ते गल्ले की दुकान से बच्चों के लिए MDM खाद्यान्न की आपूर्ति होती है। लेकिन इस बार बच्चों को जबरदस्ती यह काम करना पड़ा, जिससे अभिभावकों में नाराजगी फैल गई।

अभिभावकों ने जताया विरोध, प्रशासन करेगा जांच

गांव के ही श्याम कार्तिक मिश्रा ने बताया कि यह कोई पहली घटना नहीं है। हर महीने इसी तरह बच्चों से बोरियां उठवाई जाती हैं और प्रधानाध्यापक की मौजूदगी में यह काम होता है। उन्होंने कहा कि विद्यालय में सीसीटीवी कैमरे लगे हैं और अगर उनकी फुटेज चेक की जाए तो सच्चाई खुद-ब-खुद सामने आ जाएगी।

वहीं, प्रधानाध्यापक छोटू राम ने इन आरोपों को खारिज किया। उन्होंने कहा कि खाद्यान्न उतारने की जिम्मेदारी माली और उसके सहयोगियों की थी, लेकिन वे किसी अन्य कार्य से लालपुर स्टेडियम चले गए थे। बच्चों से कोई बोरी नहीं उठवाई गई।

बीएसए का बयान: दोषियों पर होगी कार्रवाई

इस पूरे मामले पर बेसिक शिक्षा अधिकारी डॉ. अरविंद पाठक ने कहा कि विद्यालयों में MDM खाद्यान्न पहुंचाने की जिम्मेदारी ग्राम प्रधान की होती है। शिक्षक केवल सहयोग कर सकते हैं, लेकिन छात्रों से श्रम करवाना पूरी तरह गलत है। उन्होंने आश्वासन दिया कि मामले की जांच की जाएगी और दोषी पाए जाने पर सख्त कार्रवाई होगी।

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