राजनीतिक तापमान बढ़ा: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए राजद पूरी ताकत से तैयार
पटना: बिहार की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। 2025 के विधानसभा चुनाव को लेकर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) पूरी मजबूती से चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी कर रहा है। इस बार सिर्फ तेजस्वी यादव ही नहीं, बल्कि लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी भी सक्रिय भूमिका निभाते नजर आएंगे। 2020 के चुनाव में लालू यादव और राबड़ी देवी पर्दे के पीछे थे, लेकिन इस बार राजद की यह तिकड़ी पूरी ताकत से चुनाव लड़ेगी।
राजद का बदला चुनावी रणनीति
2025 का चुनाव राजद के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। इस बार पार्टी ने अपनी रणनीति में बदलाव किया है और इसे लालू-राबड़ी के अनुभव तथा तेजस्वी यादव के युवा नेतृत्व के मिश्रण से लड़ने का फैसला किया है। 2020 में राजद सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी, लेकिन सरकार बनाने में असफल रही। अब लालू और राबड़ी की सक्रियता से पार्टी को और अधिक मजबूती मिलने की उम्मीद है।
‘जंगलराज’ पर राबड़ी देवी का जवाब
राबड़ी देवी ने ‘जंगलराज’ के मुद्दे पर खुलकर जवाब देते हुए कहा कि आजादी के बाद बिहार में कभी ‘जंगलराज’ नहीं था। उन्होंने नीतीश कुमार को घेरते हुए पूछा कि जगन्नाथ मिश्रा के कार्यकाल को लेकर सवाल क्यों नहीं उठाए जाते? उनका कहना था कि राजद अब इस मुद्दे पर कोई सफाई नहीं देगा, बल्कि अपनी उपलब्धियों को जनता तक पहुंचाएगा।
लालू यादव पर लगे आरोपों पर राबड़ी का पलटवार
राबड़ी देवी ने सीबीआई, ईडी और इनकम टैक्स विभाग की कार्रवाई पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा, “हम लोग डरने वाले नहीं हैं। लालू जी को बिना किसी ठोस आरोप के सजा दी गई है। जहां भी बुलाया जाएगा, हम जाएंगे। लेकिन यह साजिश हमें कमजोर नहीं कर सकती।”
केंद्र सरकार पर भेदभाव के आरोप
राबड़ी देवी ने केंद्र सरकार पर बिहार के साथ भेदभाव करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी के समय बिहार को उचित फंडिंग मिलती थी, लेकिन अब राज्य के विकास के लिए जरूरी फंड रोक दिए गए हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने छोटे व्यापारियों, ठेला और रेहड़ी वालों को उजाड़ दिया है, जिससे गरीबों की आजीविका प्रभावित हुई है।
2025 का चुनाव होगा दिलचस्प
राजद का आक्रामक रुख यह दिखाता है कि 2025 का चुनाव जबरदस्त मुकाबले वाला होगा। तेजस्वी यादव के नेतृत्व में पार्टी पहले से मजबूत स्थिति में है, और अब लालू व राबड़ी की सक्रियता इसे और बढ़ा सकती है। जंगलराज और भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों पर भाजपा और जदयू का पलटवार तय है। ऐसे में देखना होगा कि बिहार की जनता इस चुनाव में किसे चुनती है।