बवंडर से सुरक्षित लौटे श्रमवीरों का हौसला बुलंद, बोले – बदरीनाथ की भूमि पर फिर करेंगे काम

माणा हिमस्खलन के बवंडर से बच निकले तमाम श्रमवीरों के हौंसले बुलंद हैं। उन्होंने दोबारा सड़क निर्माण में जुटने की बात कही है। वहीं हिमस्खलन से मौत का मंजर देख कुछ श्रमिक इतना सहम गए हैं कि फिर इस क्षेत्र में आना नहीं चाहते हैं।
28 फरवरी को माणा कैंप के समीप हुए हिमस्खलन की चपेट से आठ श्रमिक अकाल मौत का शिकार हो गए थे, जबकि 46 को सुरक्षित निकाल लिया गया था। दो दिनों तक सेना अस्पताल ज्योतिर्मठ में उपचार के बाद अब श्रमिक अपने घरों को लौट गए हैं। अधिकांश श्रमिकों ने दोबारा सड़क निर्माण के लिए बदरीनाथ की भूमि पर लौटने की बात कही है।
बिहार के जितेश कुमार का कहना है कि इस घटना से डरे नहीं हैं। घर जाने के बाद दोबारा माणा पास सड़क निर्माण कार्य में जुटेंगे। वे दो सालों से यहां काम कर रहे हैं। बदरीनाथ की भूमि में काम करने का मौका मिल रहा है, इससे बड़ा सौभाग्य क्या हो सकता है।
बिहार के ही किशन कुमार का कहना है कि इस घटना से घरवाले भी परेशान हैं। अभी घरवालों के पास जा रहे हैं, लेकिन फिर लौटेंगे। हमें कोई परेशानी नहीं है। परेशानी होती तो इस हिमालयी क्षेत्र में काम करने क्यों आते। हमें यहां काम करने का मेहनताना भी निचले क्षेत्रों की अपेक्षा अधिक मिलता है।
उच्च हिमालय क्षेत्रों में रहने पर रक्तचाप बढ़ जाता है और निचले क्षेत्रों में आने पर सामान्य हो जाता है। हिमस्खलन की घटना से बचकर निकले श्रमिकों का पहले दिन रक्तचाप बढ़ा था, लेकिन उपचार के बाद अब उनका स्वास्थ्य सामान्य है। किसी को कोई शारीरिक परेशानी नहीं है।