पीएफआई से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में एसडीपीआई अध्यक्ष एमके फैजी 6 दिन की ईडी हिरासत में
Mansi Mishra March 5, 2025दिल्ली की एक अदालत ने मंगलवार को प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (SDPI) के राष्ट्रीय अध्यक्ष एमके फैजी को छह दिन की प्रवर्तन निदेशालय (ED) हिरासत में भेज दिया। एडिशनल सेशन जज चंदर जीत सिंह ने ईडी की याचिका पर यह फैसला सुनाया, जिसमें मनी लॉन्ड्रिंग और साजिश की जांच के लिए फैजी से पूछताछ की मांग की गई थी।
फरार था फैजी, एयरपोर्ट से गिरफ्तारी
ईडी ने अपने आवेदन में आरोप लगाया कि फैजी लंबे समय से फरार था। उसे 3 मार्च की रात दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट से एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत गिरफ्तार किया गया। बचाव पक्ष के वकील ने दावा किया कि पीएफआई पर बैन से पहले ही धन का लेन-देन हो चुका था, लेकिन अभियोजन पक्ष ने सवाल उठाया कि आरोपी को पहले से बैन की जानकारी कैसे थी?
क्या है पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI)?
पीएफआई की स्थापना 2006 में केरल में हुई थी। यह तीन मुस्लिम संगठनों—राष्ट्रीय विकास मोर्चा, कर्नाटक फोरम फॉर डिग्निटी, और तमिलनाडु की मनिथा नीति पासारी के विलय से बना। बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद ऐसे कई संगठन उभरे, जिनमें से कुछ को मिलाकर पीएफआई बनाया गया।
2022 में लगा था बैन
भारत सरकार ने 28 सितंबर 2022 को पीएफआई पर प्रतिबंध लगा दिया। ईडी तब से ही इसके खिलाफ आर्थिक लेन-देन और विदेशी फंडिंग की जांच कर रही है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, PFI को मिडिल ईस्ट के देशों से भारी फंडिंग मिलती थी। पहले इसका मुख्यालय केरल के कोझीकोड में था, लेकिन विस्तार के बाद इसे दिल्ली में भी एक सेंट्रल ऑफिस मिला।
एमके फैजी की गिरफ्तारी पीएफआई और एसडीपीआई से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस की बड़ी कड़ी मानी जा रही है। ईडी अब इस मामले में धन के स्रोत और लेन-देन के मकसद की गहराई से जांच कर रही है।