Nainital Weather: खेतों के लिए संजीवनी, जंगलों के लिए राहत बनी बारिश; वनाग्नि का खतरा कुछ समय के लिए टला

Nainital Weather: खेतों के लिए संजीवनी, जंगलों के लिए राहत बनी बारिश; वनाग्नि का खतरा कुछ समय के लिए टला

नैनीताल व आसपास के क्षेत्रों में 24 घंटे से रुक-रुककर हो रही बारिश से जहां किसानों के चेहरे खिल गए हैं वहीं वन विभाग ने भी राहत की सांस ली है। काश्तकारों के लिए यह बारिश वरदान बनकर बरसी है। बारिश होने से जंगलों को काफी नमी मिली है जिससे वनाग्नि का खतरा कुछ दिनों के लिए टल गया है।

नैनीताल में दो दिनों में लगभग 70 मिलीमीटर बारिश हुई है, जिससे झील के जलस्तर में ढाई इंच की बढ़ोतरी हुई है। शुक्रवार को जलस्तर 2.5 इंच बढ़कर पांच फुट दो इंच पर पहुंच गया। जीआईसी मौसम विज्ञान केंद्र प्रभारी नवीन धूसिया के मुताबिक अधिकतम तापमान 14 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 09 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

इधर तल्लीताल डांठ क्षेत्र में चौडीकरण का कार्य किया गया है, जिसके बाद झील किनारे रेलिंग लगाने का काम किया जा रहा है। काम के दौरान विभाग ने पानी की निकासी के विषय में नहीं सोचा। यही कारण रहा कि बृहस्पतिवार से बारिश के दौरान झील किनारे फर्श पर पानी एकत्र हो गया। फर्श में पानी भरने से लोगों व पर्यटकों को वहां खड़े होने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। लोनिवि के सहायक अभियंता जीएस जनोटी ने बताया कि मामला संज्ञान में आया है। पानी की निकासी की व्यवस्था की जाएगी।

इधर रामनगर में शुक्रवार को पूरा दिन हुई बारिश से गेहूं की फसल को फायदा मिला है। किसानों के अनुसार गेंहू को भरपूर पानी मिलने से गेंहू का दाने भी बढ़े होंगे और गेंहू का वजन भी बढ़ेगा। उधर कार्बेट के वार्डन अमित ग्वोसीकोटी ने बताया कि बारिश होने से जंगलों में आग लगने की घटना कुछ दिनों के लिए टल गई है।

बारिश से खेतों को अच्छी नमी मिल गई है। खेत में बोई हुई हरी सब्जी और प्याज, मटर की फसल को लाभ मिलेगा। हालांकि ओलावृृष्टि का भी डर बना हुआ है।

क्षेत्र में अच्छी बारिश हुई है। इससे कुछ दिनों तक खेतों को सींचने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इस बारिश से फसलों को काफी लाभ मिलेगा। साथ ही जलस्रोत भी रिचार्ज हो जाएंगे। 

इन दिनों गांव में मटर की फसल तैयार है, जिसको पानी की बहुत जरूरत थी। बारिश में मटर की फसल के साथ ही अन्य सब्जियों और फलों को भी लाभ मिलेगा।

बारिश से जंगल भीग चुके हैं, जिससे जंगलों में लगने वाली आग की घटनाएं कुछ दिनों के लिए टल जाएंगी। बारिश जंगलों के लिए वरदान बनकर बरसी है। 

पर्वतीय क्षेत्रों में बारिश नहीं होने से फसलों के सूखने से किसान चिंतित थे। बृहस्पतिवार रात से लेकर शुक्रवार शाम तक हुई तेज बारिश से भीमताल, धानाचूली, धारी, पहाड़पानी, रामगढ़, मुक्तेश्वर, बेतालघाट, ओखलकांडा और गरमपानी क्षेत्र के किसानों के चेहरे खिल उठे। बारिश से गेहूं, मटर, आलू, जौ, सरसों, प्याज, लहसून, आडू समेत अन्य फलों को लाभ मिलेगा। धानाचूली के प्रदीप सिंह, नरेंद्र बिष्ट, मयंक बिष्ट ने बताया कि लंबे समय से बारिश नहीं होने से खेतों में लगी फसलें सूखने लगी थी। इससे फसलों और फलों का उत्पादन गिरने का भय बना हुआ था। बारिश होने से अब फसल उत्पादन अच्छा होने की उम्मीद है।

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