अधिकारियों की उदासीनता से कचरा प्रोसेसिंग यूनिट का उद्घाटन अटका

 

 

 

 

 

बिहार के बनवरिया पंचायत में स्वच्छता अभियान के तहत ₹7.50 लाख की लागत से बनी कचरा प्रोसेसिंग यूनिट चार माह से उद्घाटन का इंतजार कर रही है। इस यूनिट का उद्देश्य पंचायत के गांवों से निकलने वाले कचरे से जैविक खाद तैयार करना था, लेकिन प्रशासनिक लापरवाही के कारण यह योजना अब तक क्रियान्वित नहीं हो सकी है।

 

कचरा कलेक्शन ठप, योजना अधर में

 

6 जून 2023 को ठोस तरल अपशिष्ट प्रबंधन परियोजना के तहत घर-घर से कचरा उठाव शुरू किया गया था। हालांकि, कुछ महीनों बाद स्वच्छता कर्मियों को मानदेय नहीं मिलने के कारण वे हड़ताल पर चले गए। प्रशासनिक पहल के बावजूद, नियमित कचरा संग्रहण बहाल नहीं हो पाया, जिससे वेस्ट प्रोसेसिंग यूनिट तक कचरा पहुंच ही नहीं पा रहा है।

 

बेजान पड़े संसाधन, अनुपयोगी यूनिट

 

चार महीने पहले बनी इस वेस्ट प्रोसेसिंग यूनिट (WPU) का निर्माण पंचायत मद से किया गया। पंचायत के तकनीकी सहायक इम्तियाज अहमद के अनुसार, यूनिट का निर्माण पूरा हो चुका है और इसे पंचायत को सौंप दिया गया, लेकिन बिना कचरा कलेक्शन के इसका संचालन असंभव हो गया है।

 

वाहनों की दुर्दशा, स्वच्छता कर्मियों की अनदेखी

 

पंचायत में कचरा उठाने के लिए ठेला और ई-रिक्शा खरीदे गए थे, लेकिन देखभाल के अभाव में वे खराब हो चुके हैं। ई-रिक्शा की बैटरी खराब हो गई है, और ठेलों की मरम्मत नहीं कराई गई है। चालक राजा कुमार के अनुसार, वाहन लंबे समय से बेकार पड़े हैं, जबकि स्वच्छता कर्मियों का मानदेय भी कई महीनों से बकाया है।

 

योजना की विफलता पर सवाल

 

यूनिट चालू करने के लिए संसाधनों की मरम्मत और कचरा कलेक्शन बहाली जरूरी है। जब तक यह सुनिश्चित नहीं किया जाता, तब तक सरकार की यह महत्वाकांक्षी योजना अधर में ही बनी रहेगी।

 

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