कानपुर के दो लाख लोगों में मोटापा बना बीमारियों की जड़
कानपुर के एलपीएस कार्डियोलॉजी इंस्टीट्यूट और हैलट अस्पताल में पंजीकृत दो लाख मरीजों में बीमारियों का मुख्य कारण मोटापा पाया गया है। निदेशक प्रोफेसर राकेश कुमार वर्मा के अनुसार, 25 से 40 वर्ष की आयु के 60% मरीज मोटापे से ग्रस्त हैं, जिससे हाइपरटेंशन, डायबिटीज, फैटी लिवर, कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लीसिराइड बढ़ने की समस्या हो रही है।
सिंड्रोम एक्स का बढ़ता खतरा
विशेषज्ञों के अनुसार, मोटापे से ग्रसित मरीजों में सिंड्रोम एक्स की संभावना अधिक होती है। यह एक स्थिति है जिसमें व्यक्ति एक साथ हृदय, धमनियों, लिवर, अग्नाशय, हाई ब्लड प्रेशर, थायरॉइड और किडनी से जुड़ी बीमारियों की चपेट में आ जाता है। रोजाना 1000 से अधिक मरीज हृदय रोग से संबंधित समस्याओं के लिए अस्पताल पहुंचते हैं, जिनमें से 40% की उम्र 40 वर्ष से अधिक होती है।
डायबिटीज और मोटापे का कनेक्शन
हैलट अस्पताल की मेडिसिन ओपीडी में रोजाना आने वाले डायबिटीज मरीजों में 60% कम उम्र के होते हैं। इनमें से 70 से 80% मरीजों की धमनियों में ब्लॉकेज पाया जाता है। प्रोफेसर डॉ. विशाल कुमार गुप्ता के अनुसार, खानपान में गड़बड़ी, व्यायाम की कमी और तनाव मोटापे के प्रमुख कारण हैं।
कैसे करें बचाव?
विशेषज्ञों ने मोटापे से बचने के लिए कुछ सुझाव दिए हैं:
1. घी, तेल और अधिक चिकने खाद्य पदार्थों का सेवन नियंत्रित करें।
2. नाश्ता भरपूर करें और रात का भोजन हल्का रखें।
3. मोबाइल, लैपटॉप, टीवी देखते हुए भोजन न करें।
4. भोजन करते समय तनावमुक्त रहें।
5. नियमित व्यायाम करें और रात के खाने के बाद टहलें।
6. शराब, धूम्रपान और अन्य नशीले पदार्थों से दूर रहें।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा ‘स्वस्थ भारत’ अभियान के तहत मोटापे के खिलाफ जागरूकता बढ़ाने की पहल की जा रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि समय रहते इस समस्या को रोका न गया तो आने वाले समय में गंभीर स्वास्थ्य संकट खड़ा हो सकता है।