Bihar News: छह महीने सम्राट चौधरी, सात महीने दिलीप जायसवाल के पास रही कुर्सी, अब इस्तीफा

Bihar News: छह महीने सम्राट चौधरी, सात महीने दिलीप जायसवाल के पास रही कुर्सी, अब इस्तीफा

भारतीय जनता पार्टी के संविधान में ‘एक व्यक्ति, एक पद’ का फॉर्मूला है। यह फॉर्मूला बिहार में लगातार दूसरी बार लंबे समय तक फेल रहा। इस मामले में सम्राट चौधरी पहले उदाहरण थे, लेकिन अब दिलीप कुमार जायसवाल उनसे भी बड़ी नज़ीर हैं।

28 जनवरी 2024 को जब सम्राट चौधरी ने बिहार की नीतीश कुमार सरकार के मंत्री के रूप में शपथ ली तो उस समय ही उन्हें बिहार भाजपा के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे देना चाहिए था। उनका इस्तीफा नहीं आया, बल्कि सांगठनिक जिलों में बदलाव भी होता रहा। जुलाई की 26 तारीख को उन्होंने इस्तीफा दिया तो मंत्री दिलीप जायसवाल अध्यक्ष बनाए गए। यह पद मिलने के बाद जायसवाल को इस्तीफा देना चाहिए था, लेकिन वह भी आज 26 फरवरी तक टिके रहे। मतलब, सम्राट छह महीने तो जायसवाल सात महीने ‘एक व्यक्ति-दो पद’ पर कायम रहे।

एक साल एक महीने तक मंत्री रहे दिलीप जायसवाल
बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के जनादेश वाली एनडीए सरकार 28 जनवरी 2024 को लौटी तो दिलीप कुमार जायसवाल को मंत्रीपद दिया गया था। भूमि राजस्व विभाग की जिम्मेदारी तब और अहम हो गई, जब राज्य की नीतीश कुमार सरकार ने भूमि विवादों के स्थायी समाधान के लिए जमीन सर्वे का काम शुरू कराया। इस बीच भाजपा ने अचानक 26 जुलाई 2024 को मंत्री दिलीप जायसवाल को बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंप दी। बिहार भाजपा का ताज मिलने के बाद से मंत्री की कुर्सी का छिना जाना तय था, लेकिन पूरे सात महीने निकल गए। यानी, जायसवाल लगभग 13 महीने मंत्री रहे, छह महीने मंत्री और बिहार भाजपा अध्यक्ष भी रहे। अब उनके पास सिर्फ भाजपा प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी है।

राष्ट्रीय अध्यक्ष नड्डा ने पद छोड़ने का दिया आदेश
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा गया होते हुए पटना आए तो पार्टी नेताओं से लंबी बातचीत की। वह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से भी मिले, हालांकि वहां मंत्रिपरिषद् को लेकर खास कुछ बात नहीं हुई। बताया जा रहा है कि पार्टी संविधान की याद दिलाते हुए और बिहार में सरकार की स्थिरता का हवाला देते हुए नड्डा ने ही दिलीप जायसवाल को कहा कि अब लंबा समय गुजर गया है, इस्तीफा दे दें। राष्ट्रीय अध्यक्ष की बात मानते हुए जायसवाल ने मंत्रिपद से इस्तीफा सौंपकर राज्य की नीतीश कुमार सरकार के लिए मंत्रिपरिषद् में फेरबदल के साथ विस्तार का रास्ता साफ कर दिया।

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