उत्तरकाशी के वीरान जादुंग गांव को मिलेगा पर्यटन ग्राम का दर्जा

 

 

 

भारत-चीन युद्ध (1962) के बाद वीरान पड़ा उत्तरकाशी जिले का सीमांत जादुंग गांव अब पर्यटन गांव के रूप में विकसित किया जाएगा। उत्तराखंड सरकार ने इस क्षेत्र को पर्यटन के नक्शे पर लाने के लिए योजना तैयार की है। ठंड के कारण रुके निर्माण कार्य अप्रैल-मई 2025 से फिर से शुरू होंगे।

 

गढ़वाल मंडल विकास निगम (जीएमवीएन) को इस परियोजना की जिम्मेदारी दी गई है। निगम के प्रबंध निदेशक विशाल मिश्रा ने बताया कि पहले चरण में छह जीर्ण-शीर्ण घरों का पुनर्निर्माण किया जा रहा है, जिनमें से चार का पुनर्निर्माण लगभग पूरा हो चुका है। इस कार्य के लिए 365.33 लाख रुपये स्वीकृत किए गए थे, जिनमें से 146 लाख रुपये जारी हो चुके हैं। वहीं, आठ अन्य घरों के पुनर्निर्माण के लिए 493.36 लाख रुपये का बजट प्रस्तावित है।

 

उत्सव मैदान और व्यू प्वाइंट से बढ़ेगी पर्यटन संभावनाएं

 

गांव में उत्सव मैदान के निर्माण हेतु 997.31 लाख रुपये का प्रस्ताव तैयार किया गया है। इसके अलावा भैरोंघाटी-जादुंग मोटर मार्ग के हिंडोलीगाड़ क्षेत्र में कारवां पार्क के विकास हेतु 999.89 लाख रुपये का बजट प्रस्तावित है।

 

एंट्री गेट और चेक पोस्ट के निर्माण पर 91.38 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे, जिसकी शुरुआत अप्रैल 2025 से होगी। गर्तांग गली के पास हवा बैंड में व्यू प्वाइंट के लिए 50.43 लाख रुपये, जबकि श्रीकंठा में व्यू प्वाइंट के लिए 66 लाख रुपये स्वीकृत किए गए हैं।

 

राज्य सरकार सीमांत क्षेत्रों के विकास पर गंभीरता से कार्य कर रही है। जादुंग गांव को पर्यटन ग्राम के रूप में विकसित करने से क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और स्थानीय लोगों को रोजगार के नए अवसर उपलब्ध होंगे।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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