Uttarakhand: गंगोत्री में गंगा स्नान के लिए यात्रियों को फिर से खतरे का सामना, 12 फीट तक जलमग्न घाट

गंगोत्री धाम में प्रशासन और सिंचाई विभाग की ओर से इस वर्ष चारधाम यात्रा में यात्रियों को गंगा स्नान खतरे के बीच करना होगा। घाटों में सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं है। जबकि वहां पर गत वर्ष भागीरथी का जलस्तर बढ़ने के कारण एक कुटिया बह गई थी और धाम में घाट करीब 12 फीट तक जलमग्न हो गए थे।
गत वर्ष मानसून सीजन में भागीरथी नदी का जलस्तर बढ़ने के कारण शिवानंद कुटिया बह गई थी, वहीं पानी घुसने के कारण पूरा घाट जलमग्न हो गया था और गंगा मंदिर की ओर हेलिपैड और भागीरथीशिला तक पानी पहुंच गया था, लेकिन उसके बावजूद अभी तक वहां पर सुरक्षात्मक कार्य नहीं हो पाए हैं।
नदी के बढ़े हुए जलस्तर के साथ बड़े-बड़े बोल्डर आने के कारण स्नान घाट क्षतिग्रस्त हो गए थे। वहीं दूसरी ओर बैली ब्रिज के समीप गंगा निकेतन भी खतरे की जद में आ गया था। उसके बाद गत वर्ष की मानसून सीजन के बाद भी यात्रा में यात्रियों को गंगा घाटों पर परेशानी का सामना करना पड़ा।
पूर्व व्यापार मंडल अध्यक्ष सतेंद्र सेमवाल ने कहा कि अगर वहां पर शिवानंद कुटीर की ओर से सुरक्षा कार्य और मुख्य स्नान घाटों का निर्माण नहीं होता है, तो आगामी बरसात में यह दोबारा गंगोत्री धाम के अस्तित्व के लिए खतरा बन सकता है।