पशुपति कुमार पारस का एलान, रालोजपा बिहार की सभी 243 सीटों पर लड़ेगी चुनाव

बिहार की सभी 243 सीटों पर किस्मत आजमाएंगे पशुपति पारस, मतलब साफ 'नहीं बनी  कहीं बात'

 

 

राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (रालोजपा) के चीफ पशुपति कुमार पारस ने बिहार विधानसभा चुनाव में सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि पार्टी राज्य के हर बूथ पर संगठन खड़ा करेगी और बूथ लेवल ऑफिसर नियुक्त करेगी। चुनाव की तैयारियों में जुटे पारस ने पार्टी के सभी पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे अपने आवास पर पार्टी का झंडा और नेमप्लेट लगाएं।

 

पार्टी कार्यालय में आयोजित दो दिवसीय जिलाध्यक्ष और राज्य पदाधिकारियों की बैठक को संबोधित करते हुए पारस ने कहा कि अप्रैल माह तक पार्टी प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में कार्यकर्ता सम्मेलन करेगी और 14 अप्रैल को पटना में एक बड़ी रैली आयोजित करेगी। इस रैली के माध्यम से दलित सेना के नेतृत्व में भारत रत्न डॉ. बाबा भीमराव अंबेडकर की जयंती मनाई जाएगी और दलित एकता का संदेश दिया जाएगा। पारस ने कहा कि पार्टी दलित उत्पीड़न, चौकीदार-दफादार का शोषण और पासी समाज के पुस्तैनी व्यवसाय ताड़ी उत्पादन एवं विपणन के अधिकारों के लिए संघर्ष करेगी।

 

पशुपति कुमार पारस ने 2021 में लोजपा में सेंध लगाकर चिराग पासवान के खिलाफ बगावत की थी और खुद को रामविलास पासवान का असली उत्तराधिकारी बताया था। इस विभाजन के कारण लोजपा दो धड़ों में बंट गई थी। पशुपति पारस एनडीए में शामिल हो गए और नरेंद्र मोदी की कैबिनेट में मंत्री बने। दूसरी ओर, चिराग पासवान ‘बिहार फर्स्ट-बिहारी फर्स्ट’ यात्रा पर निकल पड़े।

 

2024 के लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा ने दोनों गुटों को जोड़ने की कोशिश की, लेकिन पारस ने समझौते से इनकार कर दिया। अंततः भाजपा ने चिराग पासवान को अपने साथ ले लिया। चिराग को लोकसभा में पांच सीटों पर समझौता मिला और उन्होंने सभी पांच सीटों पर जीत हासिल की।

 

पशुपति पारस ने लोकसभा चुनाव में हिस्सा नहीं लिया और किसी भी गठबंधन में शामिल नहीं हुए। अब पारस अपने राजनीतिक ठिकाने की तलाश में हैं। हाल ही में पारस ने राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव से मुलाकात कर एक नया राजनीतिक संकेत दिया है। पारस ने कई मौकों पर कहा है कि उनके बड़े भाई ने उन्हें अपना राजनीतिक उत्तराधिकारी बनाया था, लेकिन साजिश के तहत उनकी पार्टी को बर्बाद किया जा रहा है। पारस इस चुनाव में पूरी कोशिश करेंगे कि किसी भी हाल में चिराग पासवान के वोटबैंक में सेंध लगाएं और बिहार की राजनीति में फिर से अपनी जगह बनाएं।

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