राम मंदिर आंदोलन के प्रमुख चेहरा कामेश्वर चौपाल पंचतत्व में विलीन
सुपौल, बिहार: अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की पहली ईंट रखने वाले और श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य कामेश्वर चौपाल का आज उनके पैतृक गांव कमरैल (सुपौल, बिहार) में अंतिम संस्कार कर दिया गया। उनके बेटे विद्यानंद विवेक ने मुखाग्नि दी। इस मौके पर बिहार सरकार के कई मंत्री और गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया शोक व्यक्त
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके निधन पर शोक जताते हुए कहा:
“भाजपा के वरिष्ठ नेता और राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के ट्रस्टी कामेश्वर चौपाल जी के निधन से अत्यंत दुख हुआ है। वे एक अनन्य रामभक्त थे, जिन्होंने अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण में बहुमूल्य योगदान दिया था।”
राम मंदिर आंदोलन में ऐतिहासिक भूमिका
- 9 नवंबर 1989 को अयोध्या में राम मंदिर की पहली ईंट रखने का गौरव कामेश्वर चौपाल को मिला था, जो हिंदू समाज के लिए एक ऐतिहासिक क्षण था।
- वह विश्व हिंदू परिषद (VHP) के सह-संगठन मंत्री के रूप में सक्रिय रहे और बाद में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य बने।
बिहार के सुपौल से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक का सफर
- जन्म: 24 अप्रैल 1956, कमरैल, सुपौल, बिहार
- शिक्षा: जेएन कॉलेज, मधुबनी से स्नातक और मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा से 1985 में एमए
- राजनीतिक करियर: 2002 से 2014 तक बिहार विधान परिषद के सदस्य
श्रद्धांजलि और अंतिम विदाई
उनके निधन से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS), विश्व हिंदू परिषद (VHP), और भाजपा के कार्यकर्ताओं में शोक की लहर है। उनके योगदान को सदा याद किया जाएगा। ॐ शांति।