अयोध्या मिल्कीपुर उपचुनाव: सीएम योगी के करिश्मे से भाजपा की बड़ी जीत
अयोध्या के मिल्कीपुर उपचुनाव में एक बार फिर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का करिश्मा देखने को मिला। भाजपा ने भारी मतों से जीत दर्ज कर यह साबित कर दिया कि संगठन की मजबूत रणनीति और जमीनी पकड़ के चलते पार्टी को अपराजेय बनाया जा सकता है। इस जीत ने न सिर्फ भाजपा की चुनावी पकड़ को मजबूत किया, बल्कि लोकसभा चुनाव में फैजाबाद सीट पर मिली हार की भरपाई भी कर दी।
भाजपा की जीत के प्रमुख कारण:
- प्रत्याशी बदलना: नए चेहरे को मैदान में उतारने से मतदाताओं में उत्साह बढ़ा।
- लल्लू सिंह की रणनीति: पूर्व सांसद लल्लू सिंह की कुशल रणनीति और पंचायत स्तर पर पार्टी की पकड़ ने अहम भूमिका निभाई।
- परदेसी वोटरों की भागीदारी: बाहर रहने वाले मतदाताओं को बूथ तक लाने में संगठन सफल रहा।
- योगी आदित्यनाथ की सभाएं: मुख्यमंत्री की जनसभाओं ने जनता के बीच भाजपा की पकड़ मजबूत की।
- संघ और आनुषांगिक संगठनों की सक्रियता: पूरे क्षेत्र में भाजपा के प्रचार अभियान को मजबूती मिली।
सपा की हार के पांच प्रमुख कारण:
- परिवारवाद के आरोप: पार्टी अपने परिवारवाद के आरोप को हटाने में विफल रही।
- यादव वोट बैंक में बिखराव: यादव समुदाय के मतदाताओं को एकजुट करने में असफल रही।
- पीडीए गठबंधन का कमजोर होना: पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक मतदाता (PDAs) पूरी तरह भाजपा की ओर खिसक गए।
- नेताओं के बयानबाजी से नुकसान: अनियंत्रित बयानबाजी ने पार्टी को भारी नुकसान पहुंचाया।
- स्थानीय नेतृत्व की निष्क्रियता: भाजपा के आक्रामक प्रचार की काट निकालने में सपा विफल रही।
राजनीतिक मायने:
भाजपा की इस जीत ने यह साफ कर दिया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की रणनीति ने यूपी की राजनीति में एक बार फिर पार्टी को मजबूत कर दिया है। राम मंदिर निर्माण के बावजूद फैजाबाद लोकसभा सीट हारने की जो टीस थी, उसे भाजपा ने मिल्कीपुर में भारी जीत दर्ज कर भुलाने की कोशिश की। वहीं, सपा अपनी कमजोर रणनीति और आंतरिक मतभेदों के कारण पीछे रह गई।