विधानसभा सत्र से पहले राज्यपाल ने छह विधेयक लौटाए: धर्म स्वातंत्र्य और अन्य विधेयक वापस
राज्यपाल हरिभाऊ वागड़े ने विधानसभा के बजट सत्र से पहले छह विधेयक सरकार को वापस लौटा दिए हैं। इनमें से पांच विधेयक पिछली सरकार के कार्यकाल के दौरान पारित हुए थे, जबकि एक विधेयक वसुंधरा राजे के पहले कार्यकाल के दौरान पारित हुआ था। विधानसभा सत्र में सरकार इन्हें वापस लेने का प्रस्ताव रख सकती है। मौजूदा सत्र में सरकार धर्म स्वातंत्र्यता विधेयक पेश करने की भी तैयारी कर रही है।
लौटाए गए विधेयक:
1. राजस्थान विद्युत शुल्क विधेयक 2023
– विद्युत उपभोग पर शुल्क लगाने के संबंध में यह विधेयक दो अगस्त 2023 को पारित किया गया था।
2. आवश्यक वस्तु (विशेष उपबंध एवं राजस्थान संशोधन विधेयक) 2020
– केंद्र सरकार द्वारा लाए गए आवश्यक वस्तु विधेयक के स्थान पर यह विधेयक दो नवंबर 2020 को पारित किया गया था।
3. कृषक सशक्तिकरण एवं संरक्षण (कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार राजस्थान संशोधन) विधेयक 2020
– केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के स्थान पर लाया गया यह विधेयक दो नवंबर 2020 को पारित हुआ था।
4. कृषक उपज व्यापार एवं वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण राजस्थान संशोधन) विधेयक 2020
– यह विधेयक भी केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के स्थान पर लाया गया और दो नवंबर 2020 को पारित हुआ था।
5. राजस्थान लिचिंग से संरक्षण विधेयक 2019
– लिचिंग की घटनाओं को रोकने के लिए यह विधेयक पांच अगस्त 2019 को पारित किया गया था।
6. राजस्थान धर्म स्वातंत्र्य विधेयक 2008
– वसुंधरा राजे के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार के समय धर्म परिवर्तन की घटनाओं को रोकने के लिए लाया गया था, लेकिन राष्ट्रपति की मंजूरी नहीं मिल पाई और अब इसे वापस लिया जा रहा है।
नए विधेयक:
विधानसभा सत्र में नए विधेयक भी पेश किए जाएंगे, जिनमें बीकानेर और भरतपुर में विकास प्राधिकरणों के गठन, कोचिंग संस्थानों में आत्महत्या रोकने के उपाय आदि शामिल हैं।