राजस्थान में नए जिलों की रद्दीकरण पर जनता का असंतोष: विधानसभा में गरमाएगा मुद्दा
राजस्थान में नौ में से सात नए जिलों को रद्द करने के फैसले से जनता में असंतोष पनप रहा है। सरकार ने पिछले वर्ष दिसंबर के अंत में 9 नए जिलों को खत्म कर दिया था। जयपुर और जोधपुर ग्रामीण को छोड़कर शेष सात जिलों को खत्म करने के विरोध में कई जगह जिला बचाओ संघर्ष समितियों का गठन कर धरने-प्रदर्शन का दौर जारी है।
शाहपुरा: ग्रामीण आंदोलनरत
शाहपुरा के विधायक लालाराम बैरवा ने कहा कि शाहपुरा को पुनः जिला बनाने की मांग विधानसभा में उठाएंगे। ग्रामीण और विभिन्न संगठन आंदोलन कर रहे हैं।
अनूपगढ़: सड़क से सदन तक संघर्ष
अनूपगढ़ में प्रस्तावित निवेश प्रभावित हो सकता है। राइजिंग राजस्थान के तहत एक हजार करोड़ के एमओयू हुए थे। स्थानीय विधायक शिमला नायक ने कहा कि सड़क से लेकर सदन तक इस मुद्दे पर संघर्ष करेंगे।
दूदू: जिला बचाओ संघर्ष समिति सक्रिय
पूर्व विधायक बाबूलाल नागर का कहना है कि लोकसभा और विधानसभा चुनाव में जनता ने भाजपा को जनादेश दिया। दोनों जनप्रतिनिधि जिले को नहीं बचा पाए।
केकड़ी: बार एसोसिएशन का आंदोलन
बार एसोसिएशन की ओर से धरना प्रदर्शन किया जा रहा है। अधिवक्ता हाइकोर्ट में जनहित याचिका लगाने के लिए तैयारी कर रहे हैं।
सांचौर: दोबारा जिला बनाने की मांग
सांचौर जिला खत्म होने के बाद लोगों को अब जिला प्रशासन से संबंधित कार्य के लिए जालोर जाना पड़ रहा है। लोग सांचौर को दुबारा जिला बनाने की मांग कर रहे हैं।
गंगापुर सिटी: कामकाज पटरी पर नहीं आया
जिला स्तरीय कार्य पहले गंगापुर में हो जाते थे, अब सवाईमाधोपुर जाना पड़ रहा है। कामकाज पटरी पर नहीं आया है। विधायक रामकेश मीना इस मुद्दे को तथ्यों के साथ विधानसभा में उठाएंगे।
नीमकाथाना: एक माह से चल रहा धरना
एक माह से जिला बचाओ संघर्ष समिति का धरना जारी है। विधायक सुरेश मोदी, पूर्व विधायक रमेश खंडेलवाल और अभिभाषक संघ की ओर से हाइकोर्ट में जनहित याचिका लगाई हुई है