Jabalpur News: हाईकोर्ट ने एनआरआई कोटे की निरस्त सीटों पर मांगा जवाब

मध्य प्रदेश में पीजी मेडिकल की एनआरआई कोटे के तहत आवंटित 48 सीटों को निरस्त करने और इन्हें सामान्य कोटे में शामिल न करने के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है। इस याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सराफ की बेंच ने डायरेक्टर मेडिकल एजुकेशन (DME) को नोटिस जारी किया और उनसे 24 घंटे के भीतर जवाब मांगा है।यह मामला तब सामने आया जब राज्य में एनआरआई कोटे के तहत प्रदेश में रहने वाले छात्रों को फर्जी तरीके से आवंटित 48 सीटों को निरस्त कर दिया गया। इन सीटों को दूसरी काउंसलिंग में शामिल नहीं किया गया, जिसके खिलाफ याचिका दायर की गई थी। याचिका में यह भी आरोप लगाया गया है कि ये कदम मॉप-अप राउंड के दौरान सीटों को बेचने के उद्देश्य से उठाया गया है।
याचिकाकर्ता ख्याति शेखर की ओर से दायर की गई याचिका में बताया गया है कि प्रदेश में पीजी मेडिकल के लिए एनआरआई कोटे के तहत कुल 117 सीटें हैं, जिनमें से 84 सीटों का आवंटन किया गया था। इन 84 सीटों में से 48 सीटें प्रदेश के निवासियों को दी गई थीं। 19 जनवरी को डायरेक्टर मेडिकल एजुकेशन द्वारा एक नोटिस जारी किया गया था, जिसमें इन छात्रों को 21 जनवरी तक अपने दस्तावेज़ प्रस्तुत करने का आदेश दिया गया था।याचिकाकर्ता का कहना है कि दूसरी पीजी काउंसलिंग 2 फरवरी तक चलेगी, और उसके बाद मॉप-अप राउंड बचा रहेगा। फिर भी, इन 48 सीटों को निरस्त कर दिया गया और इन्हें सामान्य कोटे में स्थानांतरित नहीं किया गया। याचिकाकर्ता का यह आरोप है कि यह कदम सिर्फ मॉप-अप राउंड में सीटें बेचने के लिए उठाया गया है।इस मामले में याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता आदित्य संघी ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय का स्पष्ट आदेश है कि मेडिकल की कोई भी सीट रिक्त नहीं रहनी चाहिए। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि डायरेक्टर मेडिकल एजुकेशन इस आदेश का पालन करने में लापरवाही बरत रहे हैं और रिक्त सीटों को भरने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा रहे हैं। मामले की अगली सुनवाई 31 जनवरी को होगी।