उत्तराखंड: बदरीनाथ-केदारनाथ रेल नेटवर्क में तेजी, कनेक्टिविटी विस्तार के लिए मदद की जरूरत

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उत्तराखंड, जो एक पर्वतीय राज्य है, के लिए रेल कनेक्टिविटी एक बहुत महत्वपूर्ण विकल्प बन चुकी है। राज्य सरकार की उम्मीदें अब और भी बढ़ गई हैं, खासकर जब से ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन पर काम तेज़ी से चल रहा है। इस परियोजना की सफलता ने राज्य के अन्य रेल नेटवर्क प्रोजेक्ट्स की दिशा में भी उम्मीदें जगा दी हैं। राज्य सरकार अब बदरीनाथ और केदारनाथ धाम को रेल से जोड़ने की योजना पर तेजी से काम कर रही है।इसके अलावा, उत्तरकाशी और बागेश्वर जैसी जगहों पर भी रेल कनेक्टिविटी का निर्माण जरूरी हो गया है। डोईवाला से उत्तरकाशी तक प्रस्तावित रेल लाइन और बागेश्वर-टनकपुर ब्रॉड गेज रेल लाइन पर भी सरकार ने जोर दिया है। राज्य सरकार का मानना है कि इन परियोजनाओं के लिए केंद्रीय बजट में विशेष सहायता मिलनी चाहिए, ताकि स्थानीय लोगों को बेहतर परिवहन सुविधाएं मिल सकें। इन पहाड़ी इलाकों में ट्रांसपोर्टेशन को बेहतर बनाने के लिए ये परियोजनाएं बहुत ज़रूरी हैं।

राज्य ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से इन परियोजनाओं के लिए बजट में मदद की अपील की है। वित्त सचिव दिलीप जावलकर के अनुसार, राज्य सरकार ने केंद्रीय वित्त मंत्री से इन योजनाओं के लिए उम्मीदें जताई हैं और केंद्रीय बजट से समर्थन की आशा कर रही है। राज्य सरकार का मानना है कि इन परियोजनाओं से न सिर्फ स्थानीय लोगों को सुविधाएं मिलेंगी, बल्कि पर्यटन और व्यापार में भी इज़ाफा होगा, जो राज्य की आर्थिक स्थिति को मजबूत करेगा।राज्य की योजना है कि चारधाम यात्रा के तहत बदरीनाथ और केदारनाथ के साथ-साथ गंगोत्री और यमुनोत्री धाम को भी रेल नेटवर्क से जोड़ा जाए। इसके लिए डोईवाला से उत्तरकाशी तक प्रस्तावित रेल लाइन पर भी काम की गति और वित्तीय मंजूरी की आवश्यकता है, जैसे ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना में है। राज्य सरकार का उद्देश्य इन परियोजनाओं के जरिए पहाड़ी इलाकों में रहने वाले लोगों को बेहतर परिवहन सुविधाएं प्रदान करना है, जिससे उनकी ज़िंदगी आसान हो सके और राज्य का समग्र विकास हो सके।इसलिए, राज्य सरकार केंद्रीय बजट से इस दिशा में मदद की उम्मीद कर रही है, ताकि इन परियोजनाओं को जल्द से जल्द पूरा किया जा सके।

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