भाजपा के पूर्व फायरब्रांड नेता रमेश धवाला बगावत के मूड में, तीसरे मोर्चे के संकेत
भाजपा के कभी फायरब्रांड नेता रहे रमेश धवाला अब अपनी ही पार्टी के खिलाफ मुखर होते जा रहे हैं। उनके हालिया बयान देहरा और ज्वालामुखी विधानसभा क्षेत्रों में राजनीतिक हलचल बढ़ा रहे हैं। दो दिन पहले ही उन्होंने अपने एक दर्जन करीबी समर्थकों के साथ गांव धवाला में गुप्त बैठक की, हालांकि यह बैठक ज्यादा समय तक गुप्त नहीं रह पाई।
भाजपा कार्यकर्ताओं की नाराजगी को भुनाने की कोशिश
शुक्रवार को रमेश धवाला ने देहरा में नाराज भाजपा कार्यकर्ताओं की बैठक बुलाई है। यह बैठक एक निजी भवन में होगी, जहां देहरा और ज्वालामुखी से असंतुष्ट भाजपा कार्यकर्ताओं को आमंत्रित किया गया है। पार्टी के भीतर ही कई नेता इसे भाजपा के लिए खतरे की घंटी मान रहे हैं।
नाम न छापने की शर्त पर भाजपा नेताओं ने कहा कि अगर इस बैठक में 100 से ज्यादा लोग शामिल होते हैं, तो यह भाजपा के लिए चिंता का विषय हो सकता है। इससे संकेत मिलेगा कि धवाला आगे मतदाताओं के बीच अपनी पकड़ मजबूत कर सकते हैं।
क्या प्रेशर पॉलिटिक्स का पैंतरा?
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह धवाला की प्रेशर पॉलिटिक्स का हिस्सा भी हो सकता है। उनके बयान पार्टी में उपेक्षा का दर्द बयां कर रहे हैं। खासकर उन विधानसभा क्षेत्रों में, जहां भाजपा ने पुराने नेताओं को छोड़कर बाहरी नेताओं को अधिक महत्व दिया।
तीसरे मोर्चे की सुगबुगाहट
धवाला पहले भी तीसरे मोर्चे के संकेत दे चुके हैं, जिससे भाजपा हाईकमान में चिंता बढ़ गई है। संभावना है कि शुक्रवार की बैठक के बाद वे प्रदेश के अन्य असंतुष्ट नेताओं को जोड़ने की कोशिश करेंगे। अगर ऐसा हुआ, तो भाजपा में नई राजनीतिक उथल-पुथल तय है। माना जा रहा है कि इस महीने वे भाजपा से नाराज नेताओं के साथ बैठकें शुरू कर सकते हैं, जिससे प्रदेश की राजनीति में नया समीकरण बन सकता है।