महाकाल की भस्म आरती में बाबा सजे विशेष रूप में, मुंबई भक्त ने किया दान

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आज श्री महाकालेश्वर मंदिर में भस्म आरती के दौरान बाबा महाकाल का रूप अत्यंत भव्य और आकर्षक था। बाबा महाकाल को भांग, त्रिपुंड, चंद्र और बेलपत्र से सजाया गया था। उनका यह दिव्य रूप देखकर मंदिर में मौजूद भक्तों के मन में आस्था और भक्ति का सैलाब उमड़ पड़ा। सुबह 4 बजे शुरू हुई भस्म आरती में बाबा महाकाल का विशेष पूजन हुआ। सबसे पहले उन्हें गर्म पानी से स्नान कराया गया, फिर पंचामृत से उनका अभिषेक किया गया, जिसमें दूध, दही, शहद, शक्कर और घी का मिश्रण था। इसके बाद बाबा महाकाल को आकर्षक रूप से शृंगारित किया गया। उनका यह रूप भक्तों को मंत्रमुग्ध कर देने वाला था।

आध्यात्मिक वातावरण में भक्तों ने बाबा महाकाल के दिव्य दर्शनों का लाभ उठाया और “जय श्री महाकाल” के जयकारे लगाए। इसके बाद बाबा महाकाल को महानिर्वाणी अखाड़े द्वारा भस्म रमाई गई और फिर कपूर आरती का आयोजन हुआ। इस धार्मिक अनुष्ठान ने भक्तों के मन को शांति और संतुष्टि से भर दिया। बाबा महाकाल के इस स्वरूप को देखना किसी अद्वितीय अनुभव से कम नहीं था।आज की भस्म आरती के दौरान एक खास घटना भी घटी, जब मुम्बई से आए भक्त दीपक रमेश पीवेलकर ने बाबा महाकाल को चांदी के आभूषण दान किए। इस दान में एक रजत मुकुट, चंद्रमा और नाग सहित दो कुंडल, एक मुंडमाला और त्रिशूल शामिल थे, जिनका कुल वजन 10228.08 ग्राम था। इन आभूषणों को मंदिर की प्रबंध समिति ने स्वीकार किया और विधिवत रसीद प्रदान की।

श्री महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी पं. महेश शर्मा ने बताया कि आज बाबा महाकाल ने भगवान वीरभद्र और मानभद्र की अनुमति से मंदिर के पट खोले और सुबह 4 बजे उनकी पूजा शुरू हुई। बाबा महाकाल को पंचामृत से स्नान कराकर उनका शृंगार किया गया, जिससे मंदिर में एक अद्भुत माहौल बन गया। भक्त बाबा महाकाल के दर्शनों में खो गए और अपनी भक्ति में लीन हो गए।आज की भस्म आरती ने सभी को एक नया आध्यात्मिक अनुभव दिया और भक्तों ने बाबा महाकाल के प्रति अपनी श्रद्धा और आस्था को और गहरा किया।

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