मौनी अमावस्या: हरिहर क्षेत्र की पुण्य भूमि पर त्रिवेणी महाआरती, पहले वार्षिकोत्सव का हुआ भव्य आयोजन

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इस महत्वपूर्ण त्रिवेणी महाआरती कार्यक्रम का आयोजन मौनी अमावस्या के दिन हुआ था, जिसमें धार्मिक और सांस्कृतिक जागरण का एक अद्भुत दृश्य उत्पन्न हुआ। कार्यक्रम की शुरुआत त्रिवेणी संगम पूजन से हुई, जिसका नेतृत्व प्रसिद्ध आचार्य सुशील चंद्र शास्त्री ने किया। इस पूजन के बाद, वेद ध्वनि और मंत्रों की गूंज से आकाश मंडल गूंज उठा और शंखनाद के साथ धर्म की जय घोष ने पूरे वातावरण को सनातनमय बना दिया।

 

कार्यक्रम के आयोजन स्थल—गजेंद्र मोक्षधाम और भारत वंदना घाट—को पवित्र और ऐतिहासिक माना जाता है। यहां त्रिवेणी महाआरती का विराट वार्षिकोत्सव आयोजित किया गया, जो न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण था बल्कि सांस्कृतिक दृष्टि से भी एक मील का पत्थर साबित हुआ। कार्यक्रम का आयोजन हरिहर क्षेत्र सोनपुर के पुनरुत्थान और सांस्कृतिक जागरण के उद्देश्य से किया गया था। महाआरती के दौरान, 11-11 दीप जलाकर श्रद्धालुओं को आरती में भाग लेने का आह्वान किया गया।

 

सुशील चंद्र शास्त्री ने बताया कि इस महाआरती का आयोजन हर अमावस्या को भारत वंदना घाट पर और हर पूर्णिमा को कौनहरा घाट हरिपुर में किया जाता है। हरिहर क्षेत्र के पुनर्निर्माण की दिशा में यह आयोजन एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसे माँ तारा सेवा निधि और तंत्र पीठ के सहयोग से आयोजित किया जाता है।

 

कार्यक्रम में उपस्थित प्रमुख व्यक्तित्वों में भाजपा सांसद राजीव प्रताप रूड़ी के प्रतिनिधि राकेश कुमार सिंह, दयाशंकर सिंह, और अन्य कई प्रमुख लोग शामिल थे। इस कार्यक्रम में हजारों श्रद्धालु पुरुषों, महिलाओं और युवाओं ने भाग लिया और त्रिवेणी महाआरती को सफल बनाने में योगदान दिया।

 

इस आयोजन के दौरान, कार्यक्रम के संरक्षक महाकाल बाबा ने धन्यवाद ज्ञापन किया और त्रिवेणी महाआरती को एक महत्वपूर्ण धार्मिक अनुभव और सांस्कृतिक धरोहर के रूप में प्रस्तुत किया।

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