‘यमुना में जहर’: केजरीवाल के जवाब से संतुष्ट नहीं चुनाव आयोग, दिया एक और मौका; कहा- जांच कर सटीक जानकारी दें

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने यमुना में जहर घोलने के आरोपों पर चुनाव आयोग को 14 पेज का जवाब सौंपा था, लेकिन आयोग उनके जवाब से संतुष्ट नहीं हुआ। अब चुनाव आयोग ने एक बार फिर केजरीवाल से स्पष्ट और ठोस जानकारी देने की मांग की है।
चुनाव आयोग ने गुरुवार को आम आदमी पार्टी (AAP) संयोजक अरविंद केजरीवाल को निर्देश दिया कि वे यमुना में बढ़े हुए अमोनिया के मुद्दे को नदी में जहर मिलाने के अपने आरोपों से अलग करें। आयोग ने उनसे हरियाणा सरकार के खिलाफ लगाए गए आरोपों पर ठोस साक्ष्य और वैज्ञानिक आधार पर स्पष्टीकरण देने के लिए कहा है।
आयोग ने केजरीवाल से यह भी मांग की कि वे यमुना में मिले जहर की सटीक प्रकृति, मात्रा और तरीका स्पष्ट करें। इसके लिए उन्हें शुक्रवार सुबह 11 बजे तक जानकारी देने के लिए कहा गया था। चुनाव आयोग ने सुझाव दिया कि दिल्ली जल बोर्ड के कर्मचारी यमुना में संभावित जहरीले तत्वों की जांच करें और उसकी विस्तृत रिपोर्ट साझा करें। अगर केजरीवाल आवश्यक जानकारी उपलब्ध नहीं कराते, तो आयोग इस मामले में अपने स्तर पर उचित निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र होगा।
केजरीवाल ने बुधवार को चुनाव आयोग के नोटिस का जवाब देते हुए कहा था कि हरियाणा सरकार यमुना में जहर मिला रही है। उन्होंने दावा किया कि हाल के दिनों में भाजपा शासित राज्य से दिल्ली को मिलने वाला कच्चा पानी अत्यधिक दूषित और जहरीला है। चुनाव आयोग को भेजे गए अपने जवाब में उन्होंने चेतावनी दी कि यदि लोगों को इस जहरीले पानी का सेवन करना पड़ा, तो इससे गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं और यहां तक कि मौत भी हो सकती है।